मुरादाबाद : भक्तों ने की मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना, लिया आशीर्वाद
मुरादाबाद, अमृत विचार। रविवार को शारदीय नवरात्रि की सप्तमी पर भक्तों ने मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं। मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली …
मुरादाबाद, अमृत विचार। रविवार को शारदीय नवरात्रि की सप्तमी पर भक्तों ने मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं। मां दुर्गा की सातवीं स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं। कहा जाता है जो भी भक्त नवरात्रि के सांतवें दिन विधि-विधान से मां कालरात्रि की पूजा करता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां कालरात्रि की पूजा से भय और रोगों का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था। देवी कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। इनके श्वास से आग निकलती है। मां के बाल बड़े और बिखरे हुए हैं। गले में पड़ी माला बिजली की तरह चमकती रहती है।
मां के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं। मां के चार हाथ हैं, जिनमें एक हाथ में खडग अर्थात तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरे हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा वरमुद्रा में है। सातवें दिन भी भक्तों ने घरों व मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिरों में महिलाओं ने माता रानी की भेंट गाकर कीर्तन भी किया।
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