बाराबंकी: प्रभात फेरी के साथ हुई महात्मा गांधी अमृत सप्ताह की शुरुआत

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बाराबंकी, अमृत विचार। आजादी के अमृत महोत्सव अर्न्तगत गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में अमृत महात्मा गांधी सप्ताह की शुरूआत प्रभात फेरी निकालकर हुई। सुबह 7 बजे रेलवे स्टेशन से गांधी भवन तक गांधी भजन गाते हुए और महात्मा गांधी अमर रहें के उद्घोष के साथ प्रभात फेरी निकाली गई। जिसमें गांधीवादी, समाजवादी, सामाजिक …

बाराबंकी, अमृत विचार। आजादी के अमृत महोत्सव अर्न्तगत गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में अमृत महात्मा गांधी सप्ताह की शुरूआत प्रभात फेरी निकालकर हुई। सुबह 7 बजे रेलवे स्टेशन से गांधी भवन तक गांधी भजन गाते हुए और महात्मा गांधी अमर रहें के उद्घोष के साथ प्रभात फेरी निकाली गई।

जिसमें गांधीवादी, समाजवादी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में खिलाड़ी सम्मलित हुए। पद यात्रा गांधी भवन पहुंचने के उपरान्त महात्मा गांधी अनुयायी एवं गोवा मुक्ति आन्दोलन के अग्रणी नेता स्व. मधुलिमये की जन्मशती वर्ष अर्न्तगत उनके चित्र पर मार्ल्यापण किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक सरवर अली खान ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर अमृत महात्मा गांधी सप्ताह की शुरूआत की।

कार्यक्रम संयोजक राजनाथ शर्मा ने बताया कि बीस के दशक में महात्मा गांधी पहली बार बाराबंकी के रेलवे स्टेशन पर उतरे और बाहर खड़ी अपार भीड़ को सम्बोधित किया। उन स्मृतियों को संजोने के लिए प्रभात फेरी की शुरूआत रेलवे स्टेशन से की गई। श्री शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ने मुल्क को आजादी दिलाने के लिए क्या कुछ नहीं किया, उसे दोहराने की शायद जरूरत नहीं। उनकी विचारों की प्रासंगिकता हर सदी में बनी रहेगी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा कि राजनाथ शर्मा ने गांधी दर्शन की जो अलख जगाई है वह सदियों तक याद रखी जाएगी। उन्होंने ऐसे समय बापू के विचार जन जन तक पहुंचाए जब उनकी प्रासांगिकता और लोकप्रियता पर सवाल खड़े हो रहे है। गांधी के संघर्ष और त्याग की दूसरी कोई मिसाल नहीं है। आज इस देश के लोगों को महात्मा गांधी के विचारों को न सिर्फ समझें बल्कि उन्हें अपने जीवन में अपनाएं। यही हम सब का संकल्प है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गांधी जयंती समारोह के अध्यक्ष उमेर किदवई ने कहा कि महात्मा गांधी हमारे देश की एक ऐसी शख्सियत थे, जिनकी मिसाल दुनिया में नहीं मिल सकती। वह शांति के दूत और अहिंसा पर चलने वाले व्यक्ति थे।

उन्होंने पदयात्राओं और असहयोग आन्दोलनों के जरिए मुल्क को आज़ाद कराया। उन्हीं की प्रेरणा से किसानों का आंदोलन शुरू हुआ और विश्व में एक मिसाल कायम की। समाजसेवी अनवर महबूब किदवई ने कहा कि महात्मा गाँधी एक शानदार प्रयोगशाला थे, जहाँ इंसानों को इंसान बनाने की प्रक्रिया चलती थीं। गाँधी ने बताया नफरत का विकल्प और अधिक नफरत नही है, बल्कि प्रेम है। झूठ का विकल्प और अधिक झूठ नही बल्कि सच है। मक्कारी का विकल्प और अधिक धूर्तता नही है, बल्कि सरलता है। इसलिए प्रेम का संदेश ही गांधी का है इसे हमें समझना होगा। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।

इस मौके पर विनय कुमार सिंह, हुमायूं नईम खान, मृत्युंजय शर्मा, सरदार राजा सिंह, सत्यवान वर्मा, रंजय शर्मा, राजेश यादव, मनीष सिंह, मेराज जै़दी, तौसीफ अहमद, जमाल नईम खान, संतोष शुक्ला, विजय अवस्थी, मुजीब अहमद, अखलद अंसारी, रईस अहमद, दीपक रावत, नीरज दूबे, विनोद भारती, मो. इब्राहीम, अमान अंसारी, सत्यम गौतम आदि लोग मौजूद रहे।

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