आयुर्वेदिक, होम्योपैथ और यूनानी चिकित्सा पद्धति अपनाने पर जोर

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अमृत विचार, रायबरेली। एलोपैथ दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें आयुर्वेद , यूनानी और होम्योपैथ के चिकित्सकों ने इन चिकित्सा पद्धति को अपनाते हुए स्वस्थ जीवन की बात कही है। बछरावां ब्लाक परिसर में आयोजित शिविर का मुख्य उद्देश्य आम लोगों …

अमृत विचार, रायबरेली। एलोपैथ दवाओं के बढ़ते दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें आयुर्वेद , यूनानी और होम्योपैथ के चिकित्सकों ने इन चिकित्सा पद्धति को अपनाते हुए स्वस्थ जीवन की बात कही है। बछरावां ब्लाक परिसर में आयोजित शिविर का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को होम्योपैथ, आयुर्वेद और यूनानी दवाओं के गुणों के बारे में जानकारी देना था , साथ ही मंहगी और दुष्प्रभावी दवाओं के बारे में जानकारी भी दी गई।

दक्ष चिकित्सकों का कहना था कि यदि हम किसी भी बीमारी के प्रारंभिक दौर से ही आयुर्वेद और होम्योपैथ और यूनानी दवाओं से इलाज शुरू कर दें तो असाध्य से असाध्य बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इन पद्धति की दवाओं का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

इस आयोजन में सभी पद्धतियों के डॉक्टर भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने आये मरीज़ो का परीक्षण कर उचित चिकित्सकीय सलाह एवं संबंधित रोगों की मुफ्त दवा दी।

इस कार्यक्रम में मुख्य सहयोग डाबर इंडिया एवं विजय हर्बल का रहा। मौके पर डॉ प्रवीण कुमार , डॉ अमरेंद्र कुमार , डॉ खुशबू , डॉ प्रदीप विश्वकर्मा , फार्मशिस्ट जगतपाल बछरावां चेयरमैन सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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