बांदा: अव्वल नंबर पाने के लिए मां भगवती के श्रंगार और सजावट में हो रही कड़ी प्रतिस्पर्द्धा

बांदा, अमृत विचार। शारदीय नवरात्र पर रोजाना एक से बढ़कर एक सजाई जा रही मां भगवती की मनोहारी झांकियां माता के भक्तों को अपनी आकृष्ट कर रही हैं। आयोजक भी झांकी के माध्यम से अपनी बेहतर कलाकारी और हुनर का प्रदर्शन करने में जुटे हैं, ताकि उनकी झांकी नवदुर्गा केंद्रीय कमेटी के चयन में प्रथम …

बांदा, अमृत विचार। शारदीय नवरात्र पर रोजाना एक से बढ़कर एक सजाई जा रही मां भगवती की मनोहारी झांकियां माता के भक्तों को अपनी आकृष्ट कर रही हैं। आयोजक भी झांकी के माध्यम से अपनी बेहतर कलाकारी और हुनर का प्रदर्शन करने में जुटे हैं, ताकि उनकी झांकी नवदुर्गा केंद्रीय कमेटी के चयन में प्रथम चुनी जा सके। प्रतिदिन की झांकी में काफी खर्च भी आ रहा है, लेकिन मातारानी के भव्य श्रंगार और दर्शनों के साथ होने वाली झांकी प्रशंसा के आगे यह कुछ भी नहीं है।

नवरात्र पर जनपद में इस वर्ष पांच सैकड़ा से भी ज्यादा प्रतिमाएं लगी हैं, जिसमें से करीब ढाई सौ मूर्तियों के पांडालय अकेले शहर में हैं। शारदीय नवरात्र के एक तिहाई दिन निकल चुके हैं और जैसे-जैसे अष्टमी की तिथि करीब आती जा रही है, आयोजक भी मां की झांकी की भव्यता पर और अधिक ध्यान दे रहे हैं। अगले दिन मां की झांकी को कौन सा नया रूप प्रदान किया जाना है दुर्गा कमेटी के मुख्य कार्यकर्ता गोपनीय बैठक कर तय कर लेते हैं और अगले दिन सुबह श्रंगारियों को सजावट का सारा सामान मुहैया करवा दिया जाता है। तकरीबन 6 से 8 घंटे के समय में माता के भव्य श्रंगार और सजावट के बाद जो रूप निखर कर आता है, वह देखते ही बनता है। उस पर बिजली की रंगबिरंगी रोशनी मां भगवती की झांकी में चार चांद लगा देती है।

आज चौथे दिन मां भगवती का भव्य श्रंगार कूष्मांडा देवी के रूप में हुआ। मां के इस रूप में दर्शनों के लिये शाम से ही सड़कों पर भीड़ उमड़ने लगी। देर शाम तक देवी मंदिरों से लेकर पांडालों में सजी मां भगवती के दर्शनों के लिये तांता लगा रहा। उधर रोज की तरह ही सुबह भी जलाभिषेक के लिये देवी मंदिर महेश्वरी देवी और काली देवी के साथ ही मरही माता व चौंसठ जोगिनी मंदिर में महिलाओं की भीड़ रही। इसके साथ कन्याभोज का भी आयोजन नित्यप्रति किया जा रहा है।

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