लखनऊ: आशा वर्कर का छलका दर्द, कहा- हमें अपनी मांग रखने से भी रोका जा रहा है

लखनऊ। राजधानी के बेगम हज़रत महल पार्क के पास स्थित सड़क पर सिर में काली पट्टी बांध व हाथों में बैनर लिये आधा दर्जन आशा वर्कर ने पैदल मार्च निकाला। इस दौरान आशा वर्कर से ज्यादा उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात था। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में आज सैकड़ों आशा …

लखनऊ। राजधानी के बेगम हज़रत महल पार्क के पास स्थित सड़क पर सिर में काली पट्टी बांध व हाथों में बैनर लिये आधा दर्जन आशा वर्कर ने पैदल मार्च निकाला। इस दौरान आशा वर्कर से ज्यादा उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल तैनात था। बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन में आज सैकड़ों आशा वर्कर आने वाली थी। लेकिन विभागीय अधिकारियों के षड्यंत्र ने उन्हें सड़कों पर उतरने ही नहीं दिया।

लेकिन कम संख्या होने के बावजूद भी आशा वर्कर की हिम्मत नहीं टूटी और केवल 6 से 7 आशा वर्कर ने पैदल मार्च निकालकर एक मांग पत्र पुलिस को सौंपा है। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन की लखनऊ जिला अध्यक्ष कमला बताती हैं कि आशा वर्कर को राज्य कर्मी का दर्जा मिलना चाहिए, साथ ही मातृत्व लाभ भी मिलना चाहिए। इसके अलावा महीनों से हमारे कार्य का भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है।

भत्ता समय से मिले,तभी हमारा जीवन चल सकता है। उन्होंने बताया कि हम आशा वर्कर जब अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का मन बनाते हैं, जो दिन तय किया जाता है उसी दिन अधिकारी हमे काम सौंप देते हैं। ऐसे में हफ्तों बिना काम के गुजारने के बाद जब काम मिलता है, तो जीविका चलाने के लिए आशा वर्कर काम करने चली जाती हैं और वह प्रदर्शन में नहीं आ पाती।

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