सांख्यिकी व कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कृषि शोध का प्रमुख आधार: कुलपति
बांदा, अमृत विचार। कृषि के क्षेत्र मे शोध का महत्व बढ़ता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक बाजार नये शोध के लिये रास्ता प्रदान कर रहे हैं। भारत में शोध के ही परिणाम स्वरूप आज हम अनाज, फल एवं सब्जियों मे आत्मनिर्भर हुए हैं। एसे कार्यशाला के माध्यम से कृषि के शोधार्थी अपने शोध …
बांदा, अमृत विचार। कृषि के क्षेत्र मे शोध का महत्व बढ़ता जा रहा है। जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक बाजार नये शोध के लिये रास्ता प्रदान कर रहे हैं। भारत में शोध के ही परिणाम स्वरूप आज हम अनाज, फल एवं सब्जियों मे आत्मनिर्भर हुए हैं। एसे कार्यशाला के माध्यम से कृषि के शोधार्थी अपने शोध को और सुगम तरीके से कर सकते है। इस कार्यशाला का निश्चित तौर पर हमारे अध्ययनरत स्नाकोत्तर एवं पीएचडी के छात्रों को उनके शोध में मदद करेगा।
यह उद्गार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेन्द्र प्रताप सिंह ने यूज ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन फॉर डाटा एनालिसिस एण्ड इफेक्टिव प्रेजेन्टेशन विषयक आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। इस तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सांख्यिकी एवं संगणक विज्ञान विभाग, कृषि महाविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर इस
कार्यशाला के अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय प्रो. जीएस पंवार ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध से पूर्व ऐसे कार्यशाला हमेशा अच्छा परिणाम देते हैं। कार्यशाला के सह अध्यक्ष एवं कृषि प्रसार के विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीपी मिश्रा ने बताया कि बिना कम्पयुटर के डेटा का विशेलेषण करना आसान नही है। डेटा विशलेषण से पूर्व कंप्यूटर के बारे मे भली भांति जानना भी अति आवश्यक है। फील्ड से एकत्र की गयी सूचना कम्यूटर में फीड करना एवं उसका विशेषण करना एक कला है जिसे सभी शोधार्थी छात्रों को आना चाहिये।
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