अयोध्या: पृथ्वी व्यथा व रामजन्म के लीला प्रसंगों का मंचन
अमृत विचार, रुदौली, अयोध्या। श्री रामलीला समिति रूदौली के तत्वाधान में रामलीला मंचन के द्वितीय दिवस मंगलवार की रात पृथ्वी व्यथा व रामजन्म के लीला प्रसंगों का मंचन हुआ। मंचन में पृथ्वी पर बढ़ते अत्याचारों से व्यथित होकर वह ब्रम्हाजी, शंकर जी व अन्य देवताओं से अनुनय करती है। सभी एक साथ भगवान विष्णु जी …
अमृत विचार, रुदौली, अयोध्या। श्री रामलीला समिति रूदौली के तत्वाधान में रामलीला मंचन के द्वितीय दिवस मंगलवार की रात पृथ्वी व्यथा व रामजन्म के लीला प्रसंगों का मंचन हुआ।
मंचन में पृथ्वी पर बढ़ते अत्याचारों से व्यथित होकर वह ब्रम्हाजी, शंकर जी व अन्य देवताओं से अनुनय करती है। सभी एक साथ भगवान विष्णु जी से प्रार्थना करते हैं। भगवान विष्णु उन्हें बताते हैं कि इक्ष्वाकुवंश में राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जन्म लेकर पृथ्वी की व्यथा का हरण करूंगा।
महाराज दशरथ श्रृंगी ऋषि को पुरोहित बनाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करते हैं। फलस्वरूप दशरथ जी की तीन रानियों कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा से चार पुत्र जन्म लेते हैं। अवध में उत्सव का वातावरण हो जाता है।
इस मंचन के दौरान श्री रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष के शिष्य त्यागी महाराज व मनीष दास महाराज का आगमन हुआ। समिति के मृदुल मनोहर अग्रवाल व अनुराग अग्रवाल ने उत्तरीय भेंट किया। आशीष शर्मा ने बताया वृंदावन से पधारे कलाकारों द्वारा रामलीला के सरस मंचन को दर्शक देख कर आनंदित हो रहे हैं।
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