हल्द्वानी: 11 डंपर स्वामियों ने लिए नवीनीकरण फार्म, बाद में लौटाए

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला नदी में खनन के लिए सिर्फ 11-12 डंपर स्वामियों ने ही नवीनीकरण फार्म खरीदे, जो बाद में लौटा दिए। खनन सत्र शुरू होने में महज तीन दिन बाकी है और गौला नदी में खनन के लिए एक भी नवीनीकरण फार्म नहीं बिका है। ऐसे में वन विकास निगम और वन विभाग …

हल्द्वानी, अमृत विचार। गौला नदी में खनन के लिए सिर्फ 11-12 डंपर स्वामियों ने ही नवीनीकरण फार्म खरीदे, जो बाद में लौटा दिए। खनन सत्र शुरू होने में महज तीन दिन बाकी है और गौला नदी में खनन के लिए एक भी नवीनीकरण फार्म नहीं बिका है। ऐसे में वन विकास निगम और वन विभाग के हाथपांव फूल गए है हालांकि दोनों ही विभागों का मानना है खनन शुरू होने से पूर्व यह विवाद सुलझ जाएगा।

गौल नदी में खनन के लिए 7,450 वाहन पंजीकृत हैं। इस साल सभी वाहन स्वामी एक प्रदेश एक रॉयल्टी को लेकर मुखर हैं। उनका कहना है कि राज्य में नदियों में खनन पर 22 रुपये प्रति कुंतल रॉयल्टी शुल्क, जीएसटी व अन्य खर्च मिलाकर 30-31 रुपये प्रति कुंतल देय होता है।

वहीं, निजी पट्टों व समतलीकरण में उपखनिज का सिर्फ 12 रुपये रॉयल्टी देनी होती है। सभी किस्म के खर्च मिलाकर भी 20 रुपये प्रति कुंतल ही शुल्क देना पड़ता है। ऐसे में नदी से निकलने वाले आरबीएम की खरीद फरोख्त में जद्दोजेहद होती है और डंपर स्वामियों को आर्थिक चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं।

इस वजह से वे रॉयल्टी कम करने की मांग पर अड़े हुए हैं। एक सुर में ऐलान किया है जब तक रॉयल्टी कम नहीं होगी वाहनों के नवीनीकरण के लिए फॉर्म नहीं लेंगे। एक अक्टूबर से शुरू होने वाले खनन सत्र में महज तीन दिन ही बाकी हैं। ऐसे में समय से खनन शुरू होता नहीं दिख रहा है हालांकि गनीमत यह है कि पिछले हफ्ते लगातार हुई बारिश से नदी में पानी है इस वजह से काम नहीं हो पा रहा है।

ये भी हैं मांगे 

ग्रीन टैक्स के नाम पर परिवहन विभाग की मनमानी वसूली बंद करने

ट्रैक्टर-ट्राली का अलग-अलग टैक्स वसूली रोकने

समतलीकरण के नाम पर होने वाले खनन पर पाबंदी

नैनीताल व ऊधम सिंह नगर में अवैध खनन पर रोक लगाकर सिर्फ नियमित संस्था से ही आरबीएम क्रय किया जाए

 

11 या 12 डंपर स्वामियों ने नवीनीकरण के लिए फार्म लिए थे लेकिन एक रॉयल्टी एक प्रदेश की मांग को लेकर वे भी मुखर हो गए। उन्होंने फार्म वापस कर दिए। जब तक रॉयल्टी कम नहीं होती है तब तक कोई भी डंपर स्वामी सरेंडर वाहन नहीं छुड़ाएगा और न ही कोई नवीनीकरण फार्म लेगा।

पम्मी सैफी, अध्यक्ष गौला संघर्ष समिति

संबंधित समाचार