बरेली: काजी-ए-हिंदुस्तान की दो टूक, मदरसों को निशाना न बनाए सरकार
बरेली, अमृत विचार। मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स आला हजरत के 104वें उर्स का आयोजन हुआ। जहां काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां ने सरकार को दो टूक लहजे में कहा कि मुसलमानों के शिक्षण संस्थानों और धार्मिक स्थलों को निशाना न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार मस्जिदों और मदरसों को निशाना बना रही है। …
बरेली, अमृत विचार। मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स आला हजरत के 104वें उर्स का आयोजन हुआ। जहां काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां ने सरकार को दो टूक लहजे में कहा कि मुसलमानों के शिक्षण संस्थानों और धार्मिक स्थलों को निशाना न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार मस्जिदों और मदरसों को निशाना बना रही है। इसके अलावा अन्य उलेमा ने भी मंच से तकरीर करते हुए कौम को पैगाम साझा किया। इससे पहले बसों से जायरीन मथुरापुर पहुंचे।
जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि आला हजरत का 104वां उर्स बड़ी अकीदत के साथ दरगाह ताजुश्शरिया और सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में मनाया गया। कार्यक्रम की सरसपस्ती काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी (असजद मियां) ने की। वहीं सभी कार्यक्रम जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत व जमात रजा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में हुए। निजामत मौलाना गुलजार ने की।
मुफ्ती असजद मियां ने मदरसा जामियातुर्ररजा की हामिदी मस्जिद में जुमे की नमाज जायरीन के साथ एक बजे अदा कराई। मुख्य कार्यक्रम सुबह 09 बजे शुरू हुआ। कारी शर्फोद्दीन ने तिलावत-ए-कुरान से आगाज किया। नातख्वां रफीक रजा कादरी (मुंबई) और सैय्यद कैफी अली ने नात-ओ-मनकबत का नजराना पेश किया। वहीं असजद मियां ने तकरीर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार मस्जिदों और मदरसों को निशाना न बनाए। सरकार ऐसे फैसले ले रही है, जिससे देश भर में मुस्लिम संस्थानों पर नुकसान पहुंच रहा है। मदरसों की जांच पर एतराज नहीं लेकिन जांच की आड़ में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
सोशल मीडिया से ज्यादा तालीम को वक्त दें नौजवान
मुफ्ती अख्तर हुसैन आलिमी (बस्ती) ने खिताब करते हुए कहा युवा सोशल मीडिया से ज्यादा अपनी तालीम पर वक्त दें। मौलाना जाहिद रजा, सैय्यद गियास मियां (काल्पी शरीफ), हबीब-ए-मिल्लत (धामनगर उड़ीसा), सैय्यद सलीम बापू (गुजरात), मुफ्ती शमशाद हुसैन (घोसी), मौलाना जाकिर गियाबी (बिहार), अब्दुल मुस्तफा (बाराबंकी), मुफ्ती मसीहुद्दीन (बहराइच), मौलाना तबरेज आलम (नानपारा), मौलाना फैजान रजा (रामपुर) ने भी खिताब किया।
दोपहर 2.38 बजे आला हजरत का कुल हुआ। फातिहा मौलाना अब्दुल सत्तार रजा और कारी फैजू नबी ने पढ़ी। शिजरा मुफ्ती असजद मियां और खुसूसी दुआ मुद्दिस-ए-कबीर जिया उल मुस्ताफा ने की। इस मौके पर हुस्साम मियां, हुम्माम मियां, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरहान मियां, मंसूब मियां, मुफ्ती शाहजाद आलम, मौलाना शकील, कारी काजिम रजा, कारी वसीम, कारी मुर्तजा, मुफ्ती फैसल, मुफ्ती बिलाल, मौलाना शाहमत रजा, मुफ्ती अफजाल रजवी, मुफ्ती नश्तर फारुकी आदि मौजूद रहे।
50 देशों के 25 लाख लोग आनलाइन जुड़े
आईटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हशमती ने बताया की 104 वें उर्स-ए-रजवी का ऑनलाइन ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया। जिसमें बरेली समेत देश-विदेश के जायरीन जुड़े। जो जायरीन किसी कारण नहीं आ पाए, उन्होंने तीन दिन कार्यक्रम ऑनलाइन सुना। लगभग 50 देशों में 25 लाख जायरीन ने उर्स का लाइव ऑडियो प्रसारण सुना। उर्स की व्यवस्थाओं में डा. मेहंदी हसन, हाफिज इकराम रजा खान, शमीम अहमद, समरान खान, मोईन खान, अब्दुल्लाह रजा खान, मोईन अख्तर, अतीक अहमद हशमती, बख्तियार खां आदि का सहयोग रहा।
ये भी पढ़ें- बरेली: संविदा कर्मियों की मांगों को अनदेखा कर रहा विभाग, संघ ने सीएमओ को सौंपा ज्ञापन