कालाढूंगी: राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग में अब छात्र कर सकेगें इसरो कोर्सेज
कालाढूंगी, अमृत विचार। राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग अब इसरों से जुड़ गया है। महाविद्यालय के इसरों से जुड़े से कोटाबाग, पर्वतीय क्षेत्र, रामनगर, कालाढूंगी, हल्द्वानी क्षेत्र व कुमॉउ के छात्र व शोधकर्ताओं में खुशी का महौल है। महाविद्यालय में संबंधित सभी कोर्स निशुल्क कर सकते हैं। कोर्स के कोओर्डिनेटर परितोष उप्रेती ने बताया कि यह कोर्स …
कालाढूंगी, अमृत विचार। राजकीय महाविद्यालय कोटाबाग अब इसरों से जुड़ गया है। महाविद्यालय के इसरों से जुड़े से कोटाबाग, पर्वतीय क्षेत्र, रामनगर, कालाढूंगी, हल्द्वानी क्षेत्र व कुमॉउ के छात्र व शोधकर्ताओं में खुशी का महौल है।
महाविद्यालय में संबंधित सभी कोर्स निशुल्क कर सकते हैं। कोर्स के कोओर्डिनेटर परितोष उप्रेती ने बताया कि यह कोर्स एक हफते से लेकर छ माह तक होंगेंं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (भारतीय सुदुर संवेदन संस्थान- आईआईआरएस) देहरादून ने पर्यावरण अध्ययन के लिए रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की उपयोगिता पर इसरों-प्रायोजित ऑनलाइन समर स्कूल पाठयकम शुरू किया। इस कोर्स के लिए आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किये जायेगें ।
उल्लेखनीय है कि कुछ मॉडलों के साथ रिमोट सेसिंग डेटा और जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) का उपयोग चक्रवात, सुनामी, हिमस्खलन, बाढ, सूखा, ओलावष्ठि, जंगल की आग आदि जैसी आपदाओं के अलावा प्राकतिक संसाधनों और पर्यावरण प्रदुषण की निगरानी और मानचचित्रण के लिए किया जा सकता है।
डॉ परितोष उप्रेती ने बताया कि इस कोर्स से छात्र रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी के बारे जान सकगें व सूचनातमक व्याख्यान और प्रदर्शन के माध्यम से धरती और उसके पर्यावरण के अध्ययन कर पर्यावरण विज्ञान में जीआईएस व इमेज प्रोसेसिंग सॉफटवेयर के माध्यम से उपग्रह डेटा उपयोग व रिमोट सेंससिंग के महत्व समझने के साथ करिअर के बारे में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
डॉ उप्रेती ने बताया कि भौगोलिक सूचना तंत्र, सुदूर संवेदन, जीपीएस, मशीन लर्निग, आर्टीफीसियल इटेलिजेंस व अन्य विश्व स्तरीय कोर्स कराये जायेगेंं। इस कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूतम योग्यता इंटरमिडिएट है साथ कोर्स के बाद परीक्षाएं होगी । जिसके बाद इसरो द्वारा प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
प्राचार्य प्रोफेसर नवीन भगत ने कहा इसरो के साथ जुड़ना हमारे लिए व क्षेत्र के लिए हर्ष का विषय है कोटाबाग में यह उपलब्धि खास है। कोटाबाग में पूर्व में जीओइनफौंमरेटिक सेंटर उपलब्ध है। जिसमें तीन माह का प्रारम्भिक कोर्स चल रहा है। बताते चलें की पूर्व में सीएम नवाचार योजना के अंतर्गत जिओइनफॉरमेटिक सेंटर का गठन किया गया है।
