Raju Srivastav Death: कभी स्टैंडअप कॉमेडी से मिलते थे 100 रुपये, मुंबई में राजू ने ऑटो तक चलाया
कानपुर, अमृत विचार। मशहूर हास्य कालाकार रहे राजू श्रीवास्तव का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने शुरुआती दिनों में कानपुर और मुंबई में ऑटो तक चालाया। लोगों को हंसाने के लिए राजू को ईनाम में 50 से 100 रुपये मिल जाते थे। जहां राजू बोलना शुरू करते वहां मजमा लग जाता था। कानपुर के गली …
कानपुर, अमृत विचार। मशहूर हास्य कालाकार रहे राजू श्रीवास्तव का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने शुरुआती दिनों में कानपुर और मुंबई में ऑटो तक चालाया। लोगों को हंसाने के लिए राजू को ईनाम में 50 से 100 रुपये मिल जाते थे। जहां राजू बोलना शुरू करते वहां मजमा लग जाता था। कानपुर के गली मौहल्लों की बात-चीत को वह टीवी पर ले आए। स्टैंडअप कॉमेडी करते-करते राजू ने देश-दुनिया में ऐसी पहचान बनाई कि उनके जाने की खबर पर लोग विश्वास तक नहीं कर पा रहे।
उप्र फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने नोएडा में फिल्म सिटी की आधारशिला रखवाने में अहम भूमिका निभाई। कानपुर के नयापुरवा किदवईनगर में 25 दिसंबर, 1963 को जन्मे राजू श्रीवास्तव सपनों के शहर मुंबई की तरफ रुख करने के बाद फिर पीछे नहीं लौटे। उस शहर में जहां तमाम बार लोग भटकने के बाद लौट पड़ते हैं, वहां उन्होंने अपने पांव जमाए। जब कुछ दिन बाद उन्हें तंगहाली सताने लगी तो जरूरतें पूरी करने के लिए आटो चालक तक बनने से परहेज नहीं किया।
इस दौरान भी उन्होंने स्टैंडअप कामेडी जारी रखी। तमाम परेशानियों के बावजूद वह आगे बढ़ते रहे। फिर उनकी किस्मत ने कुछ यूं मोड़ लिया कि कामेडी शो में ब्रेक मिला और वह आगे ही आगे दौड़ लगाते चले गए। उन्होंने द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से खास पहचान बनाई। इस शो के उपविजेता रहे और यहीं कनपुरिया किरदार गजोधर भैया को उन्होंने जन्म दिया। जिसने राजू को विश्व भर में ख्याति दिलाई।
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