मुरादाबाद : अपनों से रार व रिश्तों में तकरार से बढ़े महिला अपराध, अपराधियों की नकेल कसने में विफल रहा पुलिस प्रशासन

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मुरादाबाद,अमृत विचार। अपनों से रार व रिश्तों में तकरार ने महिला अपराध में वृद्धि कर डाला है। पीतलनगरी में रिश्ते अविश्वास व विश्वासघात की भेंट चढ़ रहे हैं। रिश्तों का विद्रूप चेहरा अपराध की वह कहानी लिख रहा है, जिसे पढ़ने, समझने व पार पाने में पुलिस तक के पसीने छूट रहे हैं। महिला अपराध …

मुरादाबाद,अमृत विचार। अपनों से रार व रिश्तों में तकरार ने महिला अपराध में वृद्धि कर डाला है। पीतलनगरी में रिश्ते अविश्वास व विश्वासघात की भेंट चढ़ रहे हैं। रिश्तों का विद्रूप चेहरा अपराध की वह कहानी लिख रहा है, जिसे पढ़ने, समझने व पार पाने में पुलिस तक के पसीने छूट रहे हैं। महिला अपराध पर अंकुश लगाने की पुलिसिया कार्ययोजना व कोशिश फिलहाल बेअसर है। यही वजह है कि महिला अपराध का ग्राफ रोकने में सिस्टम विफल है।ऐसे अपराध व इसके आंकड़ों पर गौर करें तो यह बात स्पष्ट हो जा रही है कि हत्या, लूट, डकैती, राहजनी व चोरी जैसी घटनाओं से कहीं अधिक महिला अपराध है।

पुलिस व प्रशासन के लाख प्रयास व जागरूकता अभियान के बाद भी दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म, छेड़छाड़ व महिलाओं से मारपीट की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एसएसपी कार्यालय तक आने वाले फरियादियों में करीब 70 फीसदी मामले महिला अपराध से जुड़े हैं। ऐसे हालात से पार पाने की कोशिश में ही वर्ष 2018 में तत्कालीन एसएसपी जे. रविंद्र गौड़ ने पुलिस लाइंस में नारी उत्थान केंद्र की स्थापना की। काउंसिलिंग के जरिए महिलाओं से संबंधित वादों के निस्तारण की कोशिश हुई। जिसमें पुलिस को काफी हद तक सफलता भी मिली।

वैसे तो हर थाने में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना हो गई है। पुलिस का एंटी रोमियो स्क्वाड वर्ष 2017 से ही लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है। मगर महिला अपराध के आंकड़ों में कमी नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि शहर समेत जिले के विभिन्न थानों में दर्ज होने वाले महिला अपराध के मामले में आरोपी कोई गैर नहीं बल्कि करीबी अथवा रिश्तेदार हैं। दर्ज मुकदमे के आरोप बताते हैं कि रिश्तों में विश्वासघात व इसके कारण होने वाली तकरार ही यहां महिला अपराध के बढ़ते ग्राफ की असल वजह है।

एसएसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि महिलाओं से संबंधित अपराध रोकना शासन की प्राथमिकता है। शासन की मंशा के अनुरूप महिलाओं से संबंधित वादों का कानूनी व फौरी निस्तारण लगातार हो रहा है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को लगातार जागरूक भी पुलिस कर रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अन्य जिलों के सापेक्ष मुरादाबाद में महिला अपराध का ग्राफ अधिक है। इसका महत्वपूर्ण कारण लगातार हो रहा सामाजिक बदलाव भी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश तब तक नहीं लग सकता, जब तक कि इसको लेकर हर व्यक्ति जवाबदेह व जिम्मेदार नहीं होगा।

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