सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाई गई नाबालिग की इलाज के दौरान मौत

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अमृत विचार, लखनऊ। पीलीभीत जनपद में सामूहिक दुष्कर्म के बाद जलाई गई नाबालिग की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले दो सप्ताह से नाबालिग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपितों ने उस पर डीजल डालकर जाने से मारने के लिए आग लगा दी थी। …

अमृत विचार, लखनऊ। पीलीभीत जनपद में सामूहिक दुष्कर्म के बाद जलाई गई नाबालिग की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले दो सप्ताह से नाबालिग जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपितों ने उस पर डीजल डालकर जाने से मारने के लिए आग लगा दी थी। इलाज के लिए दुष्कर्म पीड़िता को लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती करवाया गया था। हालांकि पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया है।

पीलीभीत जनपद के एसपी दिनेश कुमार प्रभु के मुताबिक, शनिवार को पुलिस ने राजवीर और ताराचंद उर्फ तरुण कुमार के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। बीते 07 सितम्बर को पीलीभीत जनपद के माधव टांडा क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म में यह लोग शामिल थे।

बताया कि घटना के तीन दिन बाद नाबालिग का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो तुल पकड़ने लगा था। जिसमें नाबालिग गांव के दो युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने का आरोप लगा रही थी। मामले को संज्ञान में लेते हुए पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपितों को नामजद किया था।

हालत नाजुक होने पर नाबालिग को 11 सितम्बर को लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग 68 फीसदी झुलस गई थी। उसे अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था और लगातार उसकी निगरानी की जा रही हैं। इसी बीच इंफेक्शन लगातार बढ़ रहा था। ऑपरेशन से पैर को संक्रमण मुक्त रखने का प्रयास भी किया गया। हालांकि सेप्सिस के कारण सोमवार को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई। उसकी जान बचाने के लिए डॉक्टर्स का पैनल लगातार कोशिश कर रहा था।

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