हल्द्वानी: शत प्रतिशत पदोन्नति से कम मंजूर नहीं, विधायक भगत के सामने राजकीय शिक्षक संघ ने जताया आक्रोश
हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल ने पदोन्नति में धामी सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए शत प्रतिशत पदोन्नति की मांग की है। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल के पदाधिकारियों एवं पूर्व मंडलीय पदाधिकारियों ने आज कालाढूंगी क्षेत्र के विधायक बंशीधर भगत से उनके आवास पर मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों को लेकर ज्ञापन …
हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल ने पदोन्नति में धामी सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए शत प्रतिशत पदोन्नति की मांग की है।
राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल के पदाधिकारियों एवं पूर्व मंडलीय पदाधिकारियों ने आज कालाढूंगी क्षेत्र के विधायक बंशीधर भगत से उनके आवास पर मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसमें प्रमुखता से राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पदों को शत प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने की मांग रखी गई। इसके अलावा नैनीताल जिले के शिक्षकों के लिए शिक्षक भवन निर्माण का प्रस्ताव भी विधायक को दिया।
इस दौरान विधायक ने शिक्षकों की मांग को मुख्यमंत्री के सामने रखन के आश्वासन दिया। राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. विवेक पाण्डेय के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत से कहा कि प्रधानाचार्य के पदों को पूर्व की भांति शत प्रतिशत पदोन्नति से भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पदोन्नतियां काफी समय से लंबित पड़ी हुई हैं। विभाग व शासन को पदोन्नति के समाधान को गंभीरता से खोजते हुए सभी स्तरों पर पदोन्नति करनी चाहिए।
जिला मंत्री नमिता पाठक ने वर्तमान समय में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को केवल संवर्गों को आपस में टकराने का विभागीय नाटक करार दिया। उपाध्यक्ष संगीता जोशी ने कहा कि शिक्षकों के हित में सरकार को पदोन्नति के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने चंपावत में शिक्षक को निलंबित करने के निर्णय की निंदा करते हुए बहाली की मांग की।
बताते चलें कि धामी कैबिनेट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत सृजित 932 पद के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन न होने पर प्रधानाचार्य पद के लिए 50 प्रतिशत पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर जबकि शेष 50 प्रतिशत पदों पर प्रधानाध्यापकों एवं प्रवक्ता में से समिति विभागीय परीक्षा के द्वारा चयन करने का निर्णय लिया है। राजकीय शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पदों को विभागीय सीधी भर्ती से भरे जाने का यह कहते हुए विरोध किया है कि इसमें एलटी शिक्षकों की अनदेखी हुई है। प्रवक्ता पद पर कम से कम 10 साल की सेवा की बाध्यता की वजह से कई प्रवक्ता भी विभागीय सीधी भर्ती से वंचित होंगे। यही वजह है कि सरकार के इस प्रस्ताव का राजकीय शिक्षक संघ विरोध कर रहा है।
