अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स : हाथ नहीं तो क्या हुआ, हौसला तो बुलंद है…इटावा के अजीत ने देश के लिए जीता स्वर्ण
इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के निवासी अजीत यादव ने अफ्रीका महाद्वीप के माराकोस में 6वीं अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। जैवलिन थ्रो एथलीट अजीत ने शनिवार को 64.77 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इस उपलब्धि से पहले …
इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के निवासी अजीत यादव ने अफ्रीका महाद्वीप के माराकोस में 6वीं अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। जैवलिन थ्रो एथलीट अजीत ने शनिवार को 64.77 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। इस उपलब्धि से पहले वह पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि चीन 2019 में स्वर्ण, पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप दुबई 2019 में कांस्य, पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि दुबई 2021 में स्वर्ण और पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि ट्यूनीशिया 2022 में रजत पदक हासिल कर चुके हैं।
इंडिया ओपन नेशनल चैंपियनशिप 2022 के स्वर्ण पदक विजेता अजीत ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था। अफ्रीका महाद्वीप के माराकेच में 6वीं अंतरराष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्रि प्रतियोगिता 15 सितंबर से 17 सितंबर तक आयोजित की गयी जिसमें दुनिया भर के 40 देशों ने हिस्सा लिया।
इटावा के भरथना तहसील के ग्राम साम्हो नगला विधि निवासी अजीत ने फोन पर बताया कि प्रतियोगिता में भारत के ही देवेंद्र झझरिया 60.97 मीटर भाला फेंक कर दूसरे स्थान पर रहे जबकि मोरक्को के इजजोहरी जाकराई ने 55 मीटर भाला फेंकते हुए तीसरा स्थान पाया। अजीत को गोल्ड मेडल मिलते ही उनके पैतृक गांव नगला विधि में मिठाइयां बांटी गईं। अजीत ने अपना बायां हाथ एक रेल दुर्घटना में खो दिया था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर यह कामयाबी हासिल की।
अजीत मध्यप्रदेश के ग्वालियर की लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से पीएचडी कर रहे हैं। वह इस जीत के साथ प्रदेश के ऐसे इकलौते खिलाड़ी बन गये हैं जिसने पैरालंपिक्स में स्वर्ण और कांस्य पदक हासिल किया है।
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