बहराइच: कटान से खत्म हो रहा गांव का अस्तित्व, बचाने के लिये ग्रामीणों ने किया यह काम

कैसरगंज/बहराइच। कैसरगंज तहसील के कई गांवों में घाघरा नदी कटान कर रही है। ग्रामीणों ने दो दिन पूर्व अधिकारियों को पत्र देकर कटान रोकने के लिए उपाय करने की मांग की थी। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को गांव में ही गांव बचाने के लिए आमरण …

कैसरगंज/बहराइच। कैसरगंज तहसील के कई गांवों में घाघरा नदी कटान कर रही है। ग्रामीणों ने दो दिन पूर्व अधिकारियों को पत्र देकर कटान रोकने के लिए उपाय करने की मांग की थी। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को गांव में ही गांव बचाने के लिए आमरण अनशन पर बैठ गए। सभी का कहना है कि जब तक कटान रोकने के उपाय नहीं किए जायेंगे, तब तक सभी धरने पर बैठे रहेंगे।

जिले में इस बार अनुमान से भी कम बारिश हुई है। फिर भी नेपाल के पहाड़ों पर हो रही बारिश का पानी बैराजों से जिले के नदियों में पहुंच रहा है। यही पानी कछार क्षेत्र के लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। नदी कटान और बाढ़ के चलते गांवों का अस्तित्व मिटाने में लगी हुई है। गांव को बचाने के लिए ग्यारह सौ रेती, भीरगुपुरवा, रोहितपुरवा, तीन सौ रेती, चंद्र देव पुरवा और चार प्राथमिक तथा जूनियर विद्यालय को बचाने के लिए ग्रामीणों ने डीएम और एसडीएम को पत्र भेजा था।

इसके बाद भी कटान को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं। इससे नाराज लोग गुरुवार से गांव में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए। ग्रामीण गांव बचाओ अभियान के तहत आमरण अनशन शुरू कर दिया है। धरने में गांव निवासी हनुमान, सतीश कुमार, राम दम, राम अवतार, सुरेश गोंड, राम दुलारे, बासुदेव समेत अन्य लोग धरने पर बैठे हैं।

इस बार 100 मकान हुए समाहित
गांव बचाओ अभियान के तहत आमरण पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि इस बार ही गांवों में 100 से अधिक मकान कट गए। सैकड़ों बीघा खेत नदी की कटान की भेंट चढ़ गई। लेकिन अधिकारी सिर्फ मौके मुआयना तक ही सीमित रहे। मजबूरी में लोगों को अनशन के लिए बैठना पड़ा।

यह भी पढ़ें:-रायबरेली: नहर में गिरी राजमार्ग के पुल की रेलिंग, बढ़ रहा कटान का खतरा