जब्त शराब की बोतलों से चूड़ियां बनाएंगी ग्रामीण महिलाएं, सरकार दे रही ट्रेनिंग
पटना: शराबबंदी वाले राज्य बिहार में ग्रामीण महिलाओं को कचरे को घटाने और आजीविका प्रदान करने के प्रयास में जब्त शराब की बोतलों से कांच की चूड़ियां बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार के मद्य निषेध विभाग ने ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम ‘जीविका’ से जुड़ी महिलाओं के साथ चूड़ी निर्माण इकाई स्थापित …
पटना: शराबबंदी वाले राज्य बिहार में ग्रामीण महिलाओं को कचरे को घटाने और आजीविका प्रदान करने के प्रयास में जब्त शराब की बोतलों से कांच की चूड़ियां बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार के मद्य निषेध विभाग ने ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम ‘जीविका’ से जुड़ी महिलाओं के साथ चूड़ी निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
मद्य निषेध एवं आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में हर साल बड़ी मात्रा में शराब जब्त की जाती है और जब्त की गई बोतलों को निपटाने में अधिकारियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘जब्त शराब की बोतलों को अर्थमूवर्स का इस्तेमाल करके कुचल दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप भारी कचरा जमा हो जाता है। इस पहल के अंतर्गत विभाग अब कांच की चूड़ियों के निर्माण के लिए जीविका श्रमिकों को कच्चे माल के रूप में नष्ट की जा चुकी बोतलें प्रदान करेगा। जीविका श्रमिकों के एक समूह को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कांच की चूड़ियां बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।’
मंत्री ने कहा, ‘कार्यक्रम के आगे विस्तार के लिए एक व्यापक व्यवहार्यता रिपोर्ट बनाई जा रही है। शुरुआत में, विनिर्माण इकाइयों की संख्या सीमित होगी, लेकिन आगामी महीनों में इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ये इकाइयां कुटीर उद्योग की तरह काम करेंगी।’
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में कितनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी इसकी योजना तैयार की जा रही है। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से लागू जीविका योजना का उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है।
उन्होंने कहा, ‘योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों, विशेषकर महिलाओं के लिए अधिक रोजगार पैदा करना है। जीविका कामगार पहले से ही एलईडी ट्यूब लाइट और बल्ब के निर्माण में लगी हुई हैं, और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं।’ कुमार ने कहा कि उनका विभाग चूड़ी निर्माण पहल पर मद्य निषेध विभाग के साथ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘दोनों विभागों के अधिकारी संयुक्त रूप से पहल के लिए व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं। इस परियोजना के पटना से शुरू होने की संभावना है।’ बिहार ने अप्रैल 2016 में शराब पर प्रतिबंध लगाते हुए इसके भंडारण, परिवहन, बिक्री, खपत और निर्माण को दंडनीय अपराध बना दिया था।
पुलिस के मुताबिक, इस साल जनवरी से मई के बीच राज्य ने 13.87 लाख लीटर से ज्यादा शराब जब्त की है। इस दौरान कुल 8.15 लाख लीटर भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और 5.72 लाख लीटर देशी शराब बरामद कर नष्ट कर दी गई, जबकि शराबबंदी के उल्लंघन के 36,120 मामले दर्ज किए गए। इसमें अधिकांश शराब पटना (1.36 लाख लीटर), वैशाली (89,944 लीटर), समस्तीपुर (75,688 लीटर), सारण (75,294 लीटर) और औरंगाबाद (69,327 लीटर) से बरामद की गई।
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