आयकर विभाग ने दो समूहों पर छापेमारी के बाद 100 करोड़ की बेहिसाबी आय का लगाया पता

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने हाल ही में महाराष्ट्र स्थित दो व्यापारिक समूहों पर छापेमारी के बाद 100 करोड़ रुपये से अधिक की ‘बिना हिसाब की आय’ का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि 25 अगस्त को दो समूहों के खिलाफ तलाशी शुरू …

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने हाल ही में महाराष्ट्र स्थित दो व्यापारिक समूहों पर छापेमारी के बाद 100 करोड़ रुपये से अधिक की ‘बिना हिसाब की आय’ का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि 25 अगस्त को दो समूहों के खिलाफ तलाशी शुरू की गई, जो रेत खनन, चीनी उत्पादन, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य देखभाल और मेडिकल कॉलेज चलाने के कारोबार में शामिल हैं। उन्होंने इन समूहों की पहचान उजागर नहीं की। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि कार्रवाई के तहत महाराष्ट्र के सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिलों में स्थित 20 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की गई।

आयकर विभाग की प्रशासनिक इकाई द्वारा जारी बयान में कहा गया कि जब्त किए गए दस्तावेज़ों और डिजिटल डेटा से ‘समूह द्वारा अपनाए गए कर चोरी के तौर-तरीकों का पता चलता है, जिसमें फर्जी खर्चों की बुकिंग, अघोषित नकद बिक्री, अस्पष्टीकृत ऋण/क्रेडिट प्रविष्टियां शामिल हैं।’ इसमें कहा गया कि रेत खनन और चीनी उत्पादन में लगे समूह के मामले में 15 करोड़ रुपये से अधिक की चीनी की “बिना हिसाब” की नकद बिक्री के दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जो जब्त कर लिए गए हैं।

बयान में कहा गया कि समूह ने अपने बहीखातों में फर्जी ‘बिना गारंटी वाले ऋण’ के रूप में अपनी बेहिसाबी आय पेश की है। इसमें कहा गया, ‘समूह के कई ऋणदाताओं, साथ ही प्रवर्तकों ने भी स्वीकार किया है कि समूह द्वारा उत्पन्न की गई 10 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की नकदी इस तरह से इसके बहीखातों में भेजी गई।’

सीबीडीटी ने कहा, ‘एक गैर-फाइलर कॉरपोरेट इकाई द्वारा संपत्ति की बिक्री पर लगभग 43 करोड़ रुपये के पूंजीगत लाभ के साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।’ इसने कहा, ‘’स्वास्थ्य देखभाल और मेडिकल कॉलेज चलाने के साथ-साथ सड़क निर्माण के व्यवसाय में लगे समूह के मामले में, कैपिटेशन शुल्क संबंधी अघोषित नकद प्राप्तियों और डॉक्टरों/पीजी छात्रों को भुगतान किए गए वेतन एवं वजीफे की वापसी के प्रमाण मिले हैं।’

बयान कहा गया है कि फर्जी खर्चों की बुकिंग और संविदात्मक भुगतान से संबंधित उदाहरण पाए गए हैं और समूह की इस तरह की अघोषित आय का प्रारंभिक अनुमान 35 करोड़ रुपये है। इसमें कहा गया, ‘अब तक की गई तलाशी कार्रवाई में 100 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की आय का पता चला है।’ सीबीडीटी ने कहा कि इसके साथ ही पांच करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति को भी जब्त किया गया है। भाषा नेत्रपाल

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