लेवाना अग्निकांड: होटल पहुंचते ही फिर ताजा हो गया खौफनाक मंजर, सामान लेने पहुंचे प्रवासी, सुनाई दर्द भरी कहानी
राम कृपाल त्रिपाठी, अमृत विचार लखनऊ। लेवाना सूईट्स होटल में सामान ने पहुंचे एक प्रवासी ने मंजर की दर्द भरी कहानी फिर ताजा कर दी। हालात कहते थे कि सामने मौत है, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। होटल में फंसे दोस्तों के साथ अंधेरे में निकलने की जुगत में लगा रहा। दोस्तों के साथ खुद लिफ्ट …
राम कृपाल त्रिपाठी, अमृत विचार
लखनऊ। लेवाना सूईट्स होटल में सामान ने पहुंचे एक प्रवासी ने मंजर की दर्द भरी कहानी फिर ताजा कर दी। हालात कहते थे कि सामने मौत है, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। होटल में फंसे दोस्तों के साथ अंधेरे में निकलने की जुगत में लगा रहा। दोस्तों के साथ खुद लिफ्ट से होकर किसी तरह जान बचा ली।
पीड़ित अंकित विशाल रांची झारखंड में रहते हैं। पेशे से डॉक्टर हैं। शनिवार को लखनऊ निवासी दोस्त डॉ. सृष्टि सिंह के साथ लेवाना के कमरा नंबर 211 में रुके थे। इस दौरान कमरा नंबर 214 व 215 में भी दोस्त थे। पीड़ित ने बताया कि शनिवार से होटल में ठहरे हुए थे। घूमने फिरने के बाद आते-जाते रहते थे। लेकिन सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सोकर उठे ही नहीं थे। कमरे में दुर्गंध आ रही थी। बाहर चीख-पुकार व शोर-शराबा मचा हुआ था। कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो धुआं-धुआं था। बगल के कमरे से दोस्तों को आवाज दी। लेकिन होटल से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। होटल के अंदर बत्ती गुल थी। चारों ओर अंधेरा पसरा हुआ था। सांस लेना दूभर हो गया था। लेकिन हिम्मत नहीं हारे। दोस्त संग बाहर निकलने की कोशिशें करते रहे। सभी लिफ्ट तक पहुंच गए। पीड़ित ने बताया कि लिफ्ट चल रही थी। सभी सवार होकर दूसरे फ्लोर से नीचे आए। तब जाकर जान बची। अंकित ने बताया कि होटल में फंसने के बाद कोई गाइडेंस नहीं मिल पा रहा था।
कैमरे के सामने पहुंचे तो मुंह छिपाया

मंगलवार को घटना के दूसरे दिन अंकित के अलावा एक युगल भी अपना सामान लेने होटल पहुंचे। उनके चेहरे पर सिकन थी। माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई पड़ रही थी। कैमरे की चमक पड़ी तो चेहरे छुपा लिए। ऐसे में स्थानीय लोग होटल के संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता की आशंका जता रहे हैं। इतना ही नहीं हादसे में मृतकों में सभी लखनऊ के हैं। इस सवाल उठा रहे हैं।
सामान लेने होटल पहुंचा परिवार

होटल में जिंदा जले गुरनूर सिंह आनंद (28) और मंगेतर साहिबा कौर (26) के परिजन सामान लेने पहुंचे थे। होटल की तस्वीर देखकर उनकी आंखे आंसू से भरे थे। वहीं किसी ने एक शब्द पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। गुरनूर सिंह व साहिबा कौर का शादी होने वाला था। परिवार ने एक दिन पूर्व होटल में खुशी में पार्टी किया था। लेकिन रातभर में सबकुछ मातम में तब्दील हो गया।
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