नैनीताल: कार्यशाला के दूसरे दिन भू-गर्भ वैज्ञानिकों ने तलाशी ग्रेनाइट की संभावनाएं
नैनीताल, अमृत विचार। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग में सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन 20 युवा महिला वैज्ञानिकों को विदेशी वैज्ञानिकों द्वारा ग्रेनाइट के बारे में बताया गया। मंगलवार को उन्हें अमृतपुर, रानीबाग, भीमताल के उन इलाकों में ले जाकर प्रशिक्षित किया गया, जहां ग्रेनाइट मौजूद है। इस मौके पर सभी युवा वैज्ञानिकों …
नैनीताल, अमृत विचार। कुमाऊं विश्वविद्यालय के भू-गर्भ विज्ञान विभाग में सात दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन 20 युवा महिला वैज्ञानिकों को विदेशी वैज्ञानिकों द्वारा ग्रेनाइट के बारे में बताया गया। मंगलवार को उन्हें अमृतपुर, रानीबाग, भीमताल के उन इलाकों में ले जाकर प्रशिक्षित किया गया, जहां ग्रेनाइट मौजूद है। इस मौके पर सभी युवा वैज्ञानिकों ने ग्रेनाइट के महत्व के बारे में जाना और यहां मौजूद ग्रेनाइट की संभावनाओं को तलाशा।
डीएसबी परिसर के भू गर्भ विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रदीप गोस्वामी ने बताया कि विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग पर इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में देश की 20 युवा महिला वैज्ञानिक भाग ले रही हैं, जिन्हें 10 विदेशी वैज्ञानिक युवा वैज्ञानिक प्रायोगिक व व्याख्यान के माध्यम से प्रशिक्षित करेंगे।
मंगलवार को कार्यशाला के दूसरे दिन युवा वैज्ञानिकों को उन क्षेत्रों का भ्रमण कराया गया, जहां ग्रेनाइट मौजूद है। दुनिया के सबसे कठोर पदार्थों में से एक है, जो हीरे के बाद दूसरे स्थान पर है। ग्रेनाइट सख्त और टिकाऊ होता है।
सेमीनार का उद्देश्य देश के युवा वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दौरान प्रो. संतोष कुमार, प्रो. एलएस लोधियाल, प्रो. बहादुर कोटलिया, प्रो. संजय पंत, प्रो. फैड्रिको फैरीना, प्रो. गुएल हर्म ऑगेस्टो, प्रो. वॉस्टेक, प्रो. मैथ्यू माएने, प्रो. कैथ्रीन जीने, प्रो. रॉबर्ट, प्रो. सिलवियो, प्रो. साराहा, प्रो. माइकल जे आदि मौजूद रहे।
