बरेली: कमरे में बैठक करने को लेकर बार एसोसिएशन में घमासान

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बरेली,अमृत विचार। बार एसोसिएशन की बैठक को लेकर गुरूवार को पदाधिकारियों में मतभेद खुलकर सामने आ गए। कार्यकारिणी सदस्यों ने बार के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ सहायक रजिस्ट्रार चिट्स एंड फर्म्स सोसायटी को ज्ञापन सौंपकर उनके अधिकारों को सीज करने की मांग की। अधिवक्ताओं का कहना था कि गुरूवार को बार सभागार में एक …

बरेली,अमृत विचार। बार एसोसिएशन की बैठक को लेकर गुरूवार को पदाधिकारियों में मतभेद खुलकर सामने आ गए। कार्यकारिणी सदस्यों ने बार के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ सहायक रजिस्ट्रार चिट्स एंड फर्म्स सोसायटी को ज्ञापन सौंपकर उनके अधिकारों को सीज करने की मांग की।

अधिवक्ताओं का कहना था कि गुरूवार को बार सभागार में एक अनौपचारिक बैठक बुलाई गई थी। आरोप है कि अध्यक्ष व सचिव ने सभागार के बजाए एक छोटे कमरे में बैठने की व्यवस्था की। जिसमें कार्यकारिणी के समस्त सदस्य नहीं बैठ सकते थे, न ही यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता था। सदस्यों ने बार सभागार में बैठने को कहा तो उनकी बात अनसुनी कर दी गई।

इस पर कार्यकारिणी के समस्त सदस्य व पदाधिकारियों ने छोटे से कमरे में बैठने से साफ इनकार कर दिया और अध्यक्ष व सचिव पर अनियमित्ताओं का आरोप लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में अलग से हुई एक बैठक में अध्यक्ष व सचिव के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया गया।

इस मौके पर कोषाध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप, उपाध्यक्ष शेर सिंह, प्रकाशन रजत मोहन, प्रकाशन ललित कुमार सिंह, पुस्तकालय मंत्री रूपेश कुमार, आलोक प्रधान, रीता बिल्हाटिया, अजय कुमार मौर्य, अमर सिंह आदि उपस्थित रहे।

बार सचिव बोले, बैठक अवैध, पारित प्रस्ताव भी अमान्य
बार एसोसिएशन के सचिव अमर भारती ने बताया कि बार की सामान्य व प्रबंध समिति की बैठक बुलाने का अधिकार सचिव के पास है। इसलिए अवैध बैठक में पारित प्रस्ताव अमान्य, महत्वहीन है। कोरोना महामारी में जरूरतमंद अधिवक्ता सदस्यों की मदद करने के लिए बार अध्यक्ष ने अपने कार्यालय में आवश्यक व्यवस्था के साथ बार पदाधिकारियों को आमंत्रित कर संवाद के जरिए एकरूपता एवं सहमति समाधान करना चाहा। कुछ पदाधिकारियों ने इस आमंत्रण को विवादित बना दिया और विचार विमर्श में बाधा डालकर चले गए। ये बेहद निंदनीय और अफसोसजनक है। इन सदस्य, पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर विमर्श व निर्णय में बाधा डाली है। इनके विरूद्व अध्यक्ष से कार्रवाई का अनुरोध किया गया है। वित्तीय अनियमित्ताओं पर कहा कि बार एसोसिएशन का हिसाब साफ व पारदर्शी है। सीए द्वारा प्रतिवर्ष वित्त का ऑडिट किया जाता है।

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