हल्द्वानी: चिंतन बैठक में एकजुट हुए साहित्यकार, कवियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं सुनाईं
हल्द्वानी, अमृत विचार। हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) उत्तराखंड की ओर से रविवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में चिंतन बैठक एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शुक्ल रहे। पुष्पलता जोशी ने सरस्वती वंदना और मातृ वंदना कविता भट्ट शैलपुत्री ने प्रस्तुत की। केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शुक्ल …
हल्द्वानी, अमृत विचार। हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) उत्तराखंड की ओर से रविवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में चिंतन बैठक एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शुक्ल रहे। पुष्पलता जोशी ने सरस्वती वंदना और मातृ वंदना कविता भट्ट शैलपुत्री ने प्रस्तुत की।
केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शुक्ल ने कहा कि हिंदी भाषा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान देना ही हिंदी साहित्य भारती का एकमात्र ध्येय है। उन्होंने कहा कि हम सब एकजुट होकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रयास करें। द्वितीय सत्र की काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें कवयित्री सौम्या दुआ, प्रभा पंत, विद्या महतोलिया, मोती प्रसाद साहू, रोहित केसरवानी, डॉ. मनोज आर्य, मदन पांडे, गोपाल गुणवंत, राम चंद्र पांडे, डॉ. आशा शैली, राज सक्सेना ने देशप्रेम, भाषा, संस्कृति समेत समसामयिक विषयों पर एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एमके शर्मा ने दिया। भारत माता के जय घोष व समूह मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर डॉ मंजू पांडे उदिता, डॉ. प्रभा पंत, बीना जोशी हर्षिता, डॉ. अनुपम शुक्ला आदि रहे।