सुरक्षा को खतरा

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट गोलाबारी की खबरों के बीच चेरनोबिल की तरह रेडियोधर्मी सामग्री के रिसाव की आशंका पूरी दुनिया में चिंता का बड़ा कारण बनकर उभरी है। गोलाबारी को लेकर यूक्रेन और रूस एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेनाओं ने यूरोप …

यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट गोलाबारी की खबरों के बीच चेरनोबिल की तरह रेडियोधर्मी सामग्री के रिसाव की आशंका पूरी दुनिया में चिंता का बड़ा कारण बनकर उभरी है। गोलाबारी को लेकर यूक्रेन और रूस एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेनाओं ने यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निकट यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों में मिसाइल और तोप से हमले किए हैं।

वहीं, रूस का दावा है कि यूक्रेन की ओर से दागे गए गोले उस इमारत पर गिरे हैं जिसमें परमाणु ईंधन रखा गया है। दोनों पक्षों ने कहा है कि हमलों के कारण परमाणु आपदा का खतरा है। उधर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के विशेषज्ञ यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र के लिए रवाना हो चुके हैं। आईएईए महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने सोमवार को कहा कि हमें यूक्रेन और यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की रक्षा करनी होगी।

रूसी सेना ने इस परमाणु संयंत्र पर छह महीने से जारी युद्ध की शुरुआत में ही कब्जा कर लिया था और यूक्रेन के स्थानीय कर्मियों ने इसका परिचालन जारी रखा। दोनों पक्ष एक दूसरे पर संयंत्र पर गोलाबारी करने का आरोप लगा रहे हैं जिससे इलाके में तबाही मचने की आशंका पैदा हो गई इससे पहले 5 अगस्त को भी जापोरिज्जिया संयंत्र पर गोलाबारी की गई। जिससे बिजली के स्विचबोर्ड के पास कई विस्फोट हुए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। जानकारों का मानना है कि कूलिंग प्रणाली बंद होने से परमाणु रिएक्टर के अत्यधिक गर्म होने की वजह से हादसा हो सकता है।

इसके बाद से दुनिया की नजर यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के भाग्य पर टिकी है। आईएईए के महानिदेशक ग्रोसी ने पिछले दिनों सुरक्षा परिषद को आगाह किया था कि यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति तेज़ी से ख़राब हुई है और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। उस समय भारत ने भी जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास गोलाबारी की खबरों को लेकर चिंता जताई थी।

साथ ही परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपसी संयम बरतने का आह्वान किया था। किसी परमाणु संयंत्र पर हमला अंतर्राष्ट्रीय नियमों का बड़ा उल्लंघन है। वास्तव में कोई भी परमाणु आपदा अस्वीकार्य है और इसलिए इसे रोकना ही दुनिया का व्यापक लक्ष्य होना चाहिए। दोनों पक्षों को इस मुद्दे पर आईएईए के प्रयासों को महत्व देना चाहिए। दोनों पक्षों को आपसी संयम व विवेक का इस्तेमाल करते हुए ऐसी कोई भी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो परमाणु ऊर्जा संयंत्र की संरक्षा या सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।