क्रॉलिंग करने के बेनिफिटस: घर में बच्चों की तरह रेंगने से बॉडी को मिलते हैं ये फायदे
नई दिल्ली। क्या आपने कभी मासूम बच्चे की एक्टिविटीज पर गौर किया है, बिस्तर पर लेटे हुए वे किस तरह के इधर से उधर मुड़ने की कोशिश करते है, जिसे सामान्य भाषा में क्रॉलिंग कहा जाता है। देखा जाए तो ये एक ऐसा नेचुरल प्रोसेस है जो बच्चों के फिजिकल मूवमेंटस और बॉडी बैलेंस की …
नई दिल्ली। क्या आपने कभी मासूम बच्चे की एक्टिविटीज पर गौर किया है, बिस्तर पर लेटे हुए वे किस तरह के इधर से उधर मुड़ने की कोशिश करते है, जिसे सामान्य भाषा में क्रॉलिंग कहा जाता है। देखा जाए तो ये एक ऐसा नेचुरल प्रोसेस है जो बच्चों के फिजिकल मूवमेंटस और बॉडी बैलेंस की नींव बनाने में मदद करता है। वैसे क्रॉलिंग की ये थैरेपी बड़ों पर भी समान असर ड़ालती है। यहां हम आपको बताएंगे कि क्रॉलिंग का ये तरीका आपके शरीर को किस तरह के फायदे पहुंचा सकता है।
कोर स्ट्रेंथ को बनाता है मजबूत
कोर को हमारे शरीर का केन्द्र माना गया है, जो हमारी फिजिकली एक्टिविटी को प्रभावित करता है। इसलिए ये जरूरी है कि हमारे शरीर के संतुलन में रहने के लिए इसकी कोर मजबूत हो। ऐसे में जब आप बच्चे की तरह आगे और पीछे की तरह लुढ़कते है तो ये क्रॉलिंग प्रेक्टिस आपके कोर को मजबूती देती है। इससे आपका बॉडी पॉश्चर भी सुधरता है। और आपके काम करने की क्षमता बढ़ती है। बल्कि क्रॉलिंग की मदद से आप अपने शरीर पर अच्छा कंट्रोल भी रख सकते है।
रीढ़ बनती है स्टेबल
क्रॉलिंग आपकी रीढ़ की गति को बढ़ाने में भी आपकी मदद कर सकता है क्योंकि क्रॉलिंग करने से वो अधिक लचीली हो जाती है। और इस कारण रीढ़ अधिक स्टेबल और मजबूत हो जाती है।
बॉडी बैलेंस को करता है इंप्रूव
क्रॉलिंग करने से आपके शरीर के निचले और ऊपरी हिस्से के बीच आपका समन्वय बढ़ता है जिससे आपको बेहतर संतुलन बनाने में मदद मिलती है। साफ शब्दों में कहें तो, क्रॉलिंग एक्सरसाइज आपके शरीर को स्ट्रेचेबल बनाने में मदद करती हैं, ताकि यह हार्ड ना हो। बल्कि इससे शरीर को चोट लगने की संभावना भी कम होती है।
फर्श पर क्रॉलिंग करने का तरीका
सबसे पहले फर्श पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं और अपने घुटनों को पकड़ें। ध्यान रहें घुटनों को आपको मजबूती से पकड़ना होगा, नहीं तो आपका हाथ छूट सकता है। इसके बाद आगे-पीछे की तरफ झूलें, वो भी इस तरह की जब आप पीछे जाएं तो आपकी पीठ फर्श को छुए और ऊपर आने पर आप अपनी मूल स्थिति में बैठे हों। ऐसा हर दिन कम से कम 10 से 12 बार करें। इस प्रोसेस को क्लोक वाइज और एंटी क्लाक वाइज दोनों तरह से दोहराएं। यकीन मानिए क्रॉलिंग का ये प्रोसेस नियमित रूप से करने से कुछ ही दिनों में आपकी बॉडी पर पॉजिटिव इंपेक्ट नजर आने लगेगा।
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