संक्रमण काल
मार्च के महीने में कोरोना को लेकर जब देशवासियों को हकीकत मालूम हुई तो शुरुआत में लोगों को ऐसा नहीं लगा कि आने वाले दिनों में देश-दुनिया में क्या होने वाला है। क्वारंटाइन जैसी भी कोई परिस्थिति होती है। मगर कोरोना के व्यापक फैलाव के साथ ही यह साफ हो गया कि बिना लोगों को …
मार्च के महीने में कोरोना को लेकर जब देशवासियों को हकीकत मालूम हुई तो शुरुआत में लोगों को ऐसा नहीं लगा कि आने वाले दिनों में देश-दुनिया में क्या होने वाला है। क्वारंटाइन जैसी भी कोई परिस्थिति होती है। मगर कोरोना के व्यापक फैलाव के साथ ही यह साफ हो गया कि बिना लोगों को घरों में रोके इस संक्रामक बीमारी से बचाव मुश्किल है। वायरस एक-दूसरे के संपर्क में आने के बाद फैलता है।
इसके बाद लोगों को लाकडाउन शब्द सुनने में आया और कोरोना वायरस ने जब दुनिया को कब्जे में ले लिया तो लोगों को यह भी समझ में आ गया कि यह लाकडाउन कितना जरूरी है। मगर तब भी लोगों को यह नहीं लगा कि यह इतना लंबा खिंचेगा। लाकडाउन-2 की घोषणा के बाद समझ में आ गया था कि विश्व गंभीर परेशानी में है। मगर लाकडाउन-2 के खत्म होने की तारीख नजदीक आते ही लोगों में एक तरह का उतावलापन दिखने लगा। लोग इंतजार करने लगे कि 4 मई से लाकडाउन समाप्त हो जाएगा और दिनचर्या पूर्व की भांति हो जाएगी, मगर ऐसा नहीं है।
सरकार ने तमाम मुद्दों पर छूट के साथ लाकडाउन-3 की घोषणा कर दी है, मगर लोगों के मन में अब यह बात घर कर गई है कि उन्हें तमाम ढील मिलने जा रही है। यही उतावलापन उन्हें भारी पड़ सकता है, इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान अब रखना है। लाकडाउन के अब तक के समय में कोरोना संक्रमण का केवल फैलाव रुका है, वायरस अब भी उसी स्थिति में है। 4 मई से जब कुछ ढील के साथ लोग घरों से निकलेंगे तो यह बात मन में रखनी होगी कि जितनी सावधानी अब तक बरती गई है, घर से बाहर निकलने के बाद अब उससे भी ज्यादा सावधानी की जरूरत है। छोटी सी भी लापरवाही अब तक की गई मेहनत पर भारी पड़ सकती है।
ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है सरकार की गाइड लाइन का पालन करना। ग्रीन, आेरेंज जोन में लोगों को यह सोचना होगा कि उन्हें अपना बचाव खुद ही करना है और वह संभव है केवल सावधानी और उन्हीं गाइड लाइन के पालन से ही। ध्यान रखना है कि सरकार ने ढील दी है मगर इसका अर्थ यह नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं और इसका खामियाजा हमें कोरोना संक्रमण के रूप में िमले। कोई नहीं जानता कि यह लापरवाही कब कोरोना का संक्रमण दे दे। िलहाजा लाकडाउन-3 की जरूरत समझते हुए लोगों को इस िवश्वव्यापी महामारी से बचना होगा।
