लखनऊ: राम के लिए सत्ता का त्याग करने को तैयार थे कल्याण सिंह, जाने जमानत लेने वाले अधिवक्ता ने क्या कहा
लखनऊ। पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रथम पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर गोमती नगर स्थित सिटी माँटेसरी स्कूल के ऑडिटोरियम में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संगीतकार मनोज मुंतशिर संगीतमय प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम में …
लखनऊ। पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रथम पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर गोमती नगर स्थित सिटी माँटेसरी स्कूल के ऑडिटोरियम में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।
श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संगीतकार मनोज मुंतशिर संगीतमय प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
इस बात की जानकारी श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति न्यास के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी। प्रशांत भाटिया ने बताया कि 21 अगस्त को कल्याण सिंह जी की प्रथम पुण्यतिथि है।
उन्होंने बताया कि कल्याण सिंह जी के पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर एक भावपूर्ण पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को गोमती नगर विस्तार स्थित सिटी माँटेसरी स्कूल के ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 500 वर्षों के कठोर संघर्ष के बाद आज श्री रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है।
एक समय था जब रामलला टेंट में रहा करते थे। लेकिन आज जो मंदिर का निर्माण हो रहा है। इसका रास्ता कल्याण सिंह ने ही प्रशस्त किया था। जब डीजीपी पहुँचे तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पास यह घटना 6 दिसंबर सन 1992 की है, जब कार्य सेवक विवादित ढांचे पर चढ़ गए थे। तब तत्कालीन डीजीपी एलएम त्रिपाठी आनन-फानन में कालिदास मार्ग पहुंचते हैं। वह मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से मिलने पहुंचे थे। लेकिन जिस वक्त वह मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे उस समय कल्याण सिंह भोजन कर रहे थे।
दरअसल जिस सिलसिले में डीजीपी मुख्यमंत्री से मिलना चाह रहे थे, वह मामला बहुत ही गंभीर था। यह बात कल्याण सिंह की जमानत लेने वाले अधिवक्ता कैप्टन सुभाष चंद्र ओझा ने बताई। दरअसल, आज हुई पत्रकार वार्ता के दौरान कैप्टन सुभाष चंद्र ओझा पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि कल्याण सिंह जी से उस समय के डीजीपी ने कहा कि कार्य सेवक ढांचे पर चढ़ गए है। वह कार्य सेवकों पर गोली चलाने का आदेश मांग रहे थे।
इस पर कल्याण सिंह ने साफ मना करते हुए कहा कि गोली चलाने का आदेश नहीं दूंगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य सेवकों के लिए चाहे सरकार और सत्ता सौ बार त्याग करना पड़े,तो करेंगे। लेकिन गोली चलाने का आदेश नहीं देंगे। राम के लिए कल्याण सिंह का त्याग और बलिदान हमेशा याद किया जाता रहेगा।
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