Laal Singh Chaddha:सिनेमाघरों में रिलीज हुई लाल सिंह चड्ढा, जानिए कैसी है फिल्म की कहानी

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मुंबई। आज रिलीज हुई फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से आमिर खान ने चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की हैं। अतुल कुलकर्णी लिखित और अद्वैत चंदन द्वारा दिग्दर्शित यह फिल्म ऑस्कर अवार्ड विनिंग फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ की ऑफिशल हिंदी रीमेक है। भले ही यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म का रीमेक हो लेकिन लाल सिंह चड्ढा …

मुंबई। आज रिलीज हुई फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से आमिर खान ने चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की हैं। अतुल कुलकर्णी लिखित और अद्वैत चंदन द्वारा दिग्दर्शित यह फिल्म ऑस्कर अवार्ड विनिंग फिल्म ‘फॉरेस्ट गंप’ की ऑफिशल हिंदी रीमेक है। भले ही यह फिल्म हॉलीवुड फिल्म का रीमेक हो लेकिन लाल सिंह चड्ढा की टीम स्ने इस फिल्म को अपने देसी रंग में रंग दिया है।

यही वजह है कि दिए हुए हमेशा आदेशों का पालन करने में पीछे रहने वाले लाल और उनकी मां (मोना सिंह) उनकी प्यारी बचपन की प्रेमिका रूपा (करीना कपूर), और दुश्मन से दोस्त बने मोहम्मद पाजी अपनी खामियों के बावजूद ऑडियंस को प्रभावित करने में कामयाब होते हैं।

जानिए कैसी है फिल्म की कहानी

इस फिल्म के एक सीन में हम देख सकते हैं कि ट्रेन में बैठा लाल अपने साथ चॉकलेट का एक बॉक्स नहीं बल्कि गोलगप्पे (एक लोकप्रिय नमकीन स्नैक) का एक डिब्बा रखता है। हालांकि इसके पीछे लाल की सोच बिलकुल अलग है। दरअसल लाल की नहीं वो उनकी मां की सोच है कि ‘जिंदगी गोलगप्पे जैसी होनी चाहिए, एक बार खा लो तो और खाने की इच्छा हो।’

इसलिए लाल सिंह चड्ढा भी अपने साथ गोलगप्पे इसलिए रखते हैं क्योंकि अगर आपका पेट भरा भी हो तो भी आप और एक और खाने की इच्छा करो। लाल की सोच में आया हुआ ये फिलोसोफी का ट्विस्ट उसे जिंदगी के सफर में हुए नुकसान से उभर ने में मदद करता हुआ नजर आता है।

पने जीवन की कहानी को दोहराते हुए लाल हमें पीछे लेकर जाता है, जब वह एक संपन्न सिख परिवार में पैदा हुआ बेटा था। इस परिवार के पुरुषों कई बड़ी लड़ाइयां जीती हैं। हालांकि लाल खुद को उनसेअलग नहीं मानता। लाल के किस्से और कहानियों के साथ ये भूत और वर्तमान में घूमती रहती हैं। लाल की मां उन्हें इस बात का एहसास नहीं होने देती कि वह बाकियों से अलग है। हालांकि उनका बचपन का प्यार रूपा उन्हें बार बार शादी के लिए मना कर देती हैं।

फॉरेस्ट की तरह लाल भी फौज में जाता है, जहां उसकी मुलाकात उसके सबसे अच्छा दोस्त बाला (नागा चैतन्य अक्किनेनी) से होती हैं. अपने लेफ्टनंट को छोड़ लाल मुश्किल समय में एक ऐसे इंसान को छुड़ाता है, जिसके बाद उसकी मुश्किलें और बढ़ जाती है. लाल की इस कहानी में दिखाया गया इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ आया हुआ तूफान इस फिल्म का नाम ‘लाल सिंह चड्ढा’ क्यों रखा गया इस बात की जानकारी देता है.

एक्टिंग, दिग्दर्शन और म्यूजिक

आमिर खान फिर एक बार अपनी बेहतरीन एक्टिंग से सब का दिल जीतने में कामयाब हुए हैं। 50 की उम्र में उन्होंने सहजता से 20 साल के लाल का किरदार निभाया है। करीना कपूर की रूपा बिलकुल अलग है और यादगार है। मोना सिंह और मानव विज ने भी हमेशा की तरह अपनी एक्टिंग का जलवा दिखाया है। नागा चैतन्य ने भी अपने किरदार को जस्टिस दिया है। आज के जमाने को मध्यनजर रखते हुए स्क्रिप्ट पर किया गया काम, कहानी को और करीब लेकर जाने वाले गाने एक सुपरहिट फिल्म का फार्मूला दे गए हैं। इस फिल्म में दिखने वाले SRK की झलक सभी के लिए सरप्राइज होगी।

क्यों देखे ये फिल्म

एक मासूम पंजाब का लड़का किस तरह से लगभग पूरे जीवन में मुश्किलों का सामना करता है, किस तरह से वो अपने प्यार के लिए, दुनिया के सभी तरीकों के बारे में जानने के लिए तरसता है और जीवन में अपने असली उद्देश्य को खोजने के लिए एक मिशन पर निकलता है, ये बड़ी खूबसूरती से इस फिल्म में दिखाया है। कई मायनों में, लाल सिंह चड्ढा एक रोल मॉडल है। वह अपने काम के बारे में ज्यादा नहीं सोचता। कभी कभी दिमाग से ज्यादा दिल साथ देता है, ये इस कहानी में बड़ी खूबसूरती से बताया गया है।

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