जम्मू-कश्मीर में इस साल नहीं होंगे विधानसभा चुनाव, जानें वजह

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जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव कराए जाने की कोई संभावना नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची के प्रकाशन की नई अंतिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की है। आयोग ने कहा कि एक अक्टूबर या उससे पहले 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा केंद्रशासित प्रदेश में मतदाता बनने …

जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में इस साल विधानसभा चुनाव कराए जाने की कोई संभावना नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची के प्रकाशन की नई अंतिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित की है। आयोग ने कहा कि एक अक्टूबर या उससे पहले 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा केंद्रशासित प्रदेश में मतदाता बनने के पात्र होंगे।

इससे पहले, निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के लिए 31 अक्टूबर की समयसीमा निर्धारित की थी, जहां तीन साल के अंतराल के बाद विशेष सारांश संशोधन किया जा रहा है और परिसीमन में विधानसभा सीट की संख्या फिर से निर्धारित किए जाने के बाद यह इस तरह की पहली कवायद है।

निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई नयी समयसीमा के अनुसार, एक एकीकृत मसौदा मतदाता सूची 15 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी। दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच निर्धारित की गई है, इसके बाद 10 नवंबर को दावों और आपत्तियों का निपटान किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश के हवाले से यहां कहा कि 25 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले डेटाबेस अद्यतन करने, अंतिम प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति प्राप्त करने और अनुपूरक सामग्री की छपाई के काम के लिए 19 नवंबर की तारीख तय की गई है।

केंद्र सरकार ने मई में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें कहा गया था कि परिसीमन आयोग का आदेश 20 मई से लागू होगा। परिसीमन आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या फिर से निर्धारित करते हुए जम्मू संभाग के लिए विधानसभा की छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर संभाग के लिए एक अतिरिक्त सीट की व्यवस्था की थी।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत स्थापित परिसीमन आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे। इनमें जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर घाटी में 47 विधानसभा सीट होंगी। इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होंगी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची के चल रहे संशोधन के पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव होगा। हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि कश्मीर घाटी और चिनाब क्षेत्र में कड़ाके की ठंड खत्म होने के बाद बहुप्रतीक्षित चुनाव अगले साल तक टाला जा सकता है।

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