रक्षाबंधन में भाइयों को बोलें बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाव का टीका दिलवाए : राज्यपाल आनंदीबेन

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कानपुर। महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर हो जाता है। इसके मामले बढ़ रहे हैं। नौ से दस साल की बच्चियों को वैक्सीन लगवा दें, उसके ऊपर से कैंसर का खतरा टल जाएगा। भाइयों को बोलिए की रक्षाबंधन में गिफ्ट न दे, पैसा न दे, बस बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाओ के टीके दिलाए। इससे …

कानपुर। महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर हो जाता है। इसके मामले बढ़ रहे हैं। नौ से दस साल की बच्चियों को वैक्सीन लगवा दें, उसके ऊपर से कैंसर का खतरा टल जाएगा। भाइयों को बोलिए की रक्षाबंधन में गिफ्ट न दे, पैसा न दे, बस बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाओ के टीके दिलाए। इससे उनके ऊपर से गर्भाशय के मुख के कैंसर का खतरा टल जाएगा।

75 गांवों में जाना और विविध कार्य करना कठिन है, लेकिन सभी का सहयोग सबकी एक ही दिशा रहती है तो सफलता जरूर मिलती है। जब बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं, उनकी जांच कर दी जाए तो उसकी रोशनी बच सकती है। तुरंत इलाज से उसकी दिव्यांग्यता खत्म हो जाती है। सभी ग्राम प्रधानों से कहती हूं कि आप गांवों की सभी महिलाओं की डिलीवरी अस्पतालों में होना सुनिश्चित करायें।

यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही। वह बुधवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत 75 गायों में कैंसर, नेत्र रोग और एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहीं थी। उन्होंने कहा कि पहले 50 साल के बाद मधुमेह होता था। अब एक साल के बच्चे को भी डाइबटीज हो जा रहा है। इसके लिए माताओं का प्रसव अस्पताल में होना जरूरी है।

डिलीवरी के एक घंटे बाद बच्चे को माता का दूध मिलना चाहिए। यह औषधि की तरह है। जानवर भी अपने बच्चों को जन्म के तुरंत बाद दूध पिलाते हैं। मेरे सामने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसमे बताया गया कि 84 फीसद प्रसव अस्पताल में होता है, जबकि केवल 24 ही महिलाएं जन्म के तुरंत बाद बच्चों को अपना दूध पिलाती हैं।

यह चिंता की बात है। प्रधानमंत्री ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का निर्णय किया है। इसके लिए समाज को भी सहयोग करना होगा। कोरोना के समय राजभवन में कई लोगों का फोन आया। ब्लड यूनिट, प्लेटलेट्स की मांग की गई। इसके लिए अधिक से अधिक रक्तदान शिविर लगाया जाना चाहिए।

कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक ने बताया कि सबसे पहले आरके देवी आई रिसर्च इंस्टीट्यूट और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से 75 गांवों और मालिन बस्तियों में नेत्र रोग शिविर, जेके कैंसर संस्थान के सहयोग से कैंसर स्क्रीनिंग शिविर और 21 गांवों में एनिमिया (खून की कमी) स्क्रीनिंग कैम्प लगाए जा रहे हैं। इनमें मिले रोगियों की शासन और एसबीआई की ओर से निःशुल्क इलाज कराया जाएगा।

कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए विश्वविधालय के स्वास्थ्य केंद्र में शिविर चालू हो रहा है। सांसद सत्यदेव पचौरी, महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक नीलिमा कटियार, मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, डीएम विशाख जी, आरके देवी आई इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. अवध दुबे, जेके कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एसएन प्रसाद, एसबीआई के सीजीएम अजय कुमार खन्ना, डॉ. उमेश पालीवाल, कुलसचिव डॉ. अनिल यादव आदि मौजूद रहे।

गुमनाम क्रांतिकारियों की पत्रिका का विमोचन

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई और अन्य छात्र 75 गांवों में दो मुट्ठी अनाज कार्यक्रम चलाएंगे लोगों को स्वच्छता, स्वाधीनता के बारे में बताएंगे। तिरंगे का महत्व समझाएंगे। सरकारी योजनाओं से अवगत कराएंगे। जिले के गुमनाम क्रांतिकारियों पर पत्रिका का विमोचन किया गया, जबकि उनकी ऑडियो स्टोरी रिलीज़ की गई। इसे पेन ड्राइव फॉर्मेट में रखा गया है। विवि ने 100 टीबी ग्रसित रोगियों को गोद लेने का निर्णय किया है।

सात जिलों में चलाया जा रहा कार्यक्रम

डॉ. अवध दुबे ने बताया कि कैंसर और नेत्र रोग स्क्रीनिंग शिविर कानपुर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, उन्नाव, औरैया, इटावा, कन्नोज में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

तिरंगे झंडों का सांकेतिक वितरण

75 गांवों और मलिन बस्तियों में बांटे जाने वाले तिरंगे झंडों का सांकेतिक वितरण किया गया। ग्राम प्रधानों का सम्मान हुआ। उनके सहयोग से हर घर तिरंगा अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय के जिला नोडल अधिकारी बनाये गए शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

रंगारंग होंगे संस्कृतिक कार्यक्रम:

प्रति कुलपति प्रो.सुधीर कुमार अवस्थी ने बताया कि विश्वविद्यालय में 12 अगस्त को लेखन, स्लोगन, निबंध, 13 अगस्त को पेंटिंग, तिरंगे के सफर पर आयोजित प्रदर्शनी, नुकक्कड़ नाटक, प्रभात फेरी, कवि सम्मेलन, 14 अगस्त को राष्ट्रभक्ति पर डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। 15 अगस्त को संस्कृतिक कार्यक्रम और तिरंगा फहराया जाएगा।

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