खटीमा: 20 घंटे से बिजली गुल ग्रामीण हलकान, लोहियोड पावर हाउस के यार्ड में सीटी ब्लास्ट

खटीमा: 20 घंटे से बिजली गुल ग्रामीण हलकान, लोहियोड पावर हाउस के यार्ड में सीटी ब्लास्ट

खटीमा, अमृत विचार। लोहियाहेड पावर हाउस के यार्ड में बुधवार की देर रात ब्रेकर में फॉल्ट आने से तेज धमाके के साथ सीटी ब्लास्ट हो गई। स्पार्क से तेज रोशनी से खटीमा तक रोशनी होने से लोगों में हड़कंप मच गया। इसके साथ ही संपूर्ण खटीमा, टनकपुर, बनबसा में बिजली गुल हो गई। रात से जारी …

खटीमा, अमृत विचार। लोहियाहेड पावर हाउस के यार्ड में बुधवार की देर रात ब्रेकर में फॉल्ट आने से तेज धमाके के साथ सीटी ब्लास्ट हो गई। स्पार्क से तेज रोशनी से खटीमा तक रोशनी होने से लोगों में हड़कंप मच गया। इसके साथ ही संपूर्ण खटीमा, टनकपुर, बनबसा में बिजली गुल हो गई। रात से जारी ही मरम्मत कार्य गुरुवार दिन भर जारी रहा।

खटीमा नगर में रात में ही झनकट से बाया सितारगंज आपूर्ति सुचारू की गई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र व टनकपुर, बनबसा में 18 घंटे से अधिक बिजली गुल होना जारी रहा। पावर हाउस व बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रात तक आपूर्ति सुचारू होने की संभावना है।

बता दें कि खटीमा, नगर व ग्रामीण के साथ ही टनकपुर, बनबसा के लिए लोहियाहेड पावर हाउस के यार्ड से बिजली आपूर्ति की जाती है। बिजली विभाग के एसडीओ अंबिका यादव ने बताया कि बुधवार की रात करीब 11.10 बजे लोहियाहेड पावर हाउस स्थित यार्ड के ब्रेकर में फॉल्ट आ गया। इससे एक सीटी तेज आवाज व स्पार्क के साथ ब्लास्ट हो गई।

तेज रोशनी, धुआं व आग को देख आस पास के लोगों में हड़कंप मच गया। इसके साथ ही संपूर्ण खटीमा, टनकपुर, बनबसा में बिजली गुल हो गई। देर रात 12.30 बजे बिजली विभाग ने खटीमा नगर के लिए सितारगंज से बाया झनकट आपूर्ति सुचारू करा दी। लेकिन चकरपुर समेत ग्रामीण फीडर व टनकपुर, बनबसा में बिजली गुल रही।

गुरुवार को बड़े हिस्से में बिजली न होने से लोग परेशान रहे। दिनभर मरम्मत में बिजली कर्मी जुटे रहे। बताया गया कि रात तक मरम्मत पूरी व आपूर्ति सुचारू होने की संभावना जताई है।

इधर, इस मामले में लोहियाहेड पावर हाउस के डीजीएम महकार सिंह ने बताया कि करीब पांच लाख रुपये के नुकसान की आशंका है, नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टनकपुर व बनबसा के लिए यार्ड से जाने वाली लाइन में भी आपूर्ति प्रभावित है। पावर हाउस की तीनों टरबाइनों की बिजली सीधे ग्रिड से जुड़ी है।