बाराबंकी: BDO रामनगर के आरोपों की जांच करेंगे ग्राम विकास आयुक्त, जानें क्या है पूरा मामला

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बाराबंकी। खंड विकास अधिकारी रामनगर ने अमित त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने त्यागपत्र में उन्होंने जिला अधिकारी डॉ. आदर्श सिंह पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इन आरोपों की जांच ग्राम विकास आयुक्त को सौंपी है। जांच आदेश में जिलाधिकारी के साथ-साथ मुख्य …

बाराबंकी। खंड विकास अधिकारी रामनगर ने अमित त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने त्यागपत्र में उन्होंने जिला अधिकारी डॉ. आदर्श सिंह पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इन आरोपों की जांच ग्राम विकास आयुक्त को सौंपी है। जांच आदेश में जिलाधिकारी के साथ-साथ मुख्य विकास अधिकारी पर भी उत्पीड़न की जांच होगी।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक खंड विकास अधिकारी ने 31 जुलाई को ही अपना इस्तीफा उस समय पीडीएस संघ को भेज दिया था। जब जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे दलबल के साथ खंड विकास कार्यालय पर छापा मारा था।

इसके बाद भी खंड विकास अधिकारी अपना काम करते रहे। मंगलवार को उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्य विकास अधिकारी को भेज दिया। इसके साथ ही जिला अधिकारी बाराबंकी के खिलाफ पूरा पीडीएस संघ लामबंद हो गया है। पीडीएस संघ के प्रदेश अध्यक्ष एके सिंह ने इस संदर्भ में पीडीएस संवर्ग के अधिकारियों से लंबे विचार-विमर्श के बाद स्थिति से मुख्य सचिव को अवगत कराया।

गुरुवार  को अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने खंड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच प्रदेश के ग्राम विकास आयुक्त को सौंप दी। गुरुवार को खंड विकास अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं बैठे।

बुधवार की शाम तक वह सामान्य रूप से कार्यालय में बैठकर कामकाज निपटाते रहे। वे लगातार इस्तीफा दिए जाने की बात से इनकार करते रहे। गुरुवार को अपर मुख्य सचिव का आदेश वायरल होने के बाद खंड विकास अधिकारी बात करने से बचते रहे।

उनके कार्यालय ना पहुंचने को लेकर सभी खंड विकास कार्यालयों में इसको लेकर चर्चा गर्म रही। जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह भी इस्तीफे और आरोपों के संदर्भ में जानकारी होने से इनकार करते रहे।

अमित त्रिपाठी का यह भी आरोप था कि जिला स्तरीय अधिकारी लगातार उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। अन्य ब्लाकों को छोड़कर सिर्फ रामनगर में छापेमारी की जा रही है। यह इसलिए हो रहा था कि भाजपा सांसद ने रामनगर बीडीओ के पक्ष में सिफारिश की थी, इसलिए जिला स्तर के अधिकारी चिढ़ गए और उत्पीड़न शुरू कर दिया।

इसको लेकर बुधवार की सुबह दस बजे डीआरडीए में जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह और सीडीओ एकता सिंह ने बैठक बुलाई। बैठक में जिले के सभी खंड विकास अधिकारी मौजूद रहे। बीडीओ को समझाने की कोशिश की जा रही है।

यह छापा बना विवाद का कारण

31 जुलाई को जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह, सीडीओ एकता सिंह, डीडीओ भूषण कुमार, परियोजना निदेशक मनीष कुमार, सहायक अभियंता टीएन सिंह ने ब्लाक रामनगर का औचक छापा मारा था। निरीक्षण में बीडीओ अमित त्रिपाठी नहीं मिले थे। इन्होंने बताया था कि निरीक्षण में फील्ड में गए थे।

थोड़ी देर बाद बीडीओ पहुंच गए। यहां नरेगा सेल में लंबित प्रकरण मिले, पत्रावलियां ठीक नहीं मिली। इस पर बीडीओ और डीसी मनरेगा को फटकार लगाई।  कटियारा गांव में स्थित दो तालाबों का निरीक्षण किया, यहां तालाबों पर काम नहीं होता मिला। जबकि मस्टर रोल भरा गया था। एस्टीमेट भी अधिक था, जिस पर डीएम ने फटकार लगाई। इसके अलावा सभी ग्राम पंचायतों से पत्रावलियां मंगवाकर जांच की रही थी।

“त्यागपत्र देने के मामले में बात की जा रही है। हम पीडीएस के पक्ष में हैं, किसी भी अधिकारी का उत्पीड़न बर्दास्त नहीं किया जाएगा। – एके सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, पीडीएस संघ।”

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