अयोध्या: जिला सहकारी बैंक में बड़ी हेराफेरी, अभिलेखों में बाजीगरी दिखाकर लगाया राजस्व का चूना, जांच में जुटी टीम
अयोध्या। आंकड़ों की बाजीगरी दिखा कर छठें वेतन का लाभ लेने के मामले में जिले के सहकारी बैंक घिर गए हैं। करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये के घाटे के बाद भी छठें वेतन का लाभ लेने के मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच के दायरे में सहकारी बैंकों के 68 कर्मचारियों समेत …
अयोध्या। आंकड़ों की बाजीगरी दिखा कर छठें वेतन का लाभ लेने के मामले में जिले के सहकारी बैंक घिर गए हैं। करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये के घाटे के बाद भी छठें वेतन का लाभ लेने के मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच के दायरे में सहकारी बैंकों के 68 कर्मचारियों समेत कई बड़े जिम्मेदार भी आ रहे हैं, जिसे लेकर इन दिनों सहकारी बैंकों में खलबली मची हुई है। सूत्रों के अनुसार सूबे में अयोध्या केवल ऐसा जिला है जहां के सहकारी बैंक के कर्मियों को छठें वेतन का लाभ मिला है। ऑडिट में जब यह मामला सामने आया तो शासन स्तर से इसकी जांच शुरू हो गई है।
हालांकि बैंक का कोई भी जिम्मेदार इस मामले में मुंह खोलने को नहीं तैयार है। सूत्र बताते हैं कि छठें वेतन का लाभ पाने के लिए घाटे को लाभ में तब्दील करने का सुनियोजित खेल खेला गया। ऊपर भेजे जाने वाली वार्षिक रिपोर्ट में जिले के सहकारी बैंकों के आय-व्यय का जो ब्यौरा भेजा गया उसमें आंकड़ों का खेल किया गया। जिन भी मदों में हानि थी उन्हें लाभ में दिखाया गया और छठें वेतन का लाभ दिए जाने की संस्तुति तक की गई। सूत्र बताते हैं कि उच्चाधिकारियों ने भी रिपोर्ट को सच मान छठें वेतन का लाभ प्रदान कर दिया गया।
मामला तब खुला जब ऑडिट में पकड़ में आया कि बैंक तो घाटे में चल रहा है। जब इसे लेकर पूछताछ हुई तो यहां अधिकारियों ने चुप्पी साध ली। इसे अनियमितता मानते हुए शासन से विजिलेंस जांच शुरू कर दी है। तीन दिन पहले यहां आई जांच टीम उप निबन्धक सहकारी समिति कार्यालय से संबंधित अभिलेख भी अपने कब्जे में ले लिए है। सूत्र बताते हैं कि 68 ऐसे कर्मचारी छठें वेतन का लाभ पा गए जिनके वेतनमान अलग-अलग हैं।
सूत्रों के अनुसार अब तक जांच में जो पाया गया है उसके अनुसार सहकारी बैंक करीब 2 करोड़ 70 लाख के घाटे में चल रहे हैं और उन पर देनदारी भी लाखों में है। ऐसे में वार्षिक रिपोर्ट को संदेहास्पद मानते हुए जांच की जा रही है। बताया जाता है कि इस मामलें में कई बड़ों की गर्दन फंस सकती है। बैंक के एक बड़े अधिकारी तो तीन दिनों से लखनऊ में ही डेरा डाले बैठे बताए गए हैं।
हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि जांच भले ही की जा रही है लेकिन किसी प्रकार का अनुचित लाभ नहीं लिया गया है। बताया जाता है फिलहाल पांचवें वेतन आयोग को फिर लागू किया गया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि जिम्मेदार अधिकारी नहीं कर रहे।
पूरे प्रकरण की जानकारी नहीं है। जांच जरूर शुरू हुई है। तीन दिन पहले टीम आई थी अभिलेख दे दिए गए हैं… सुरेश वर्मा-अपर जिला सहकारी अधिकारी, अयोध्या मंडल।
