बरेली: 58 ग्राम पंचायतों की एलईडी की होगी जांच, मिली गड़बड़ी तो होगी कार्रवाई
बरेली, अमृत विचार। प्रदेश के कई जिलों में एलईडी लाइटें लगाए जाने के नाम पर धांधली की गई है। मामले को संज्ञान में लेते हुए शासन की ओर से जांच किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। जिले की करीब 458 ग्राम पंचायतों में भी लगाई गईं लाइटों की जांच कराई जाएगी। नेडा कंपनी …
बरेली, अमृत विचार। प्रदेश के कई जिलों में एलईडी लाइटें लगाए जाने के नाम पर धांधली की गई है। मामले को संज्ञान में लेते हुए शासन की ओर से जांच किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। जिले की करीब 458 ग्राम पंचायतों में भी लगाई गईं लाइटों की जांच कराई जाएगी। नेडा कंपनी की ओर से ही लाइटें लगवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र में एलईडी लाइटें लगाकर गांवों को जगमग किए जाने के आदेश जारी किए गए थे। जिले की 1193 ग्राम पंचायतों में कार्ययोजना बनाकर लाइटों को लगवाए जाने का काम शुरू करा दिया गया। शुरुआती दौर में करीब 458 गांवों में लाइटें लगवा दी गई हैं। शासन की ओर से अब क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत से भी लाइटें लगाए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
कई जिलों में धांधली की आशंका होने पर जांच कराई गई तो वहां पर अनियमितता पाई गई। इसके बाद शासन की ओर से जांच कराए जाने के निर्देश जारी कर दी गए। सूत्रों के अनुसार लाइटों में फिलिप्स कंपनी की जो लाइटें लगाई जा रही हैं, उनमें न तो हाॅलमार्क है और न ही सुरक्षा चिह्न।
लाइट पर केवल एक स्टीकर चस्पा है जिससे यह तय कर पाना मुश्किल है कि लाइट असली है या फिर डुप्लीकेट। लाइटों पर ब्रांडेड कंपनी का स्टीकर चस्पा किया गया है। उप निदेशक पंचायत महेंद्र सिंह ने बताया कि जिन गांवों में लाइटें लग चुकी हैं, उनकी गुणवत्ता परखने के लिए कमेटी बनाई जाएगी।
यह है मानक
गांव पंचायतों में 18 वाट से लेकर 45 वाट तक ही एलईडी लगाने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश पोल के बीच की दूरी के आधार पर है। यदि दो पोल के बीच की दूरी 30 मीटर से कम है तो 18 वाट, 30 मीटर है तो 24 वाट, 50 मीटर है तो 35 वाट व 75 मीटर है तो 45 वाट की एलईडी लाइट लगाई जाएगी, लेकिन जिले में 50 वाट की लाइट लगाई जा रही है।
डुप्लीकेट की कीमत 500 रुपये
अधिकांश ग्राम पंचायतों में डुप्लीकेट एलईडी लाइट ही लगाई जा रही हैं। जिसकी वास्तविक कीमत 500 रुपये है। पंचायतें इस पर 3860 रुपये भुगतान कर रही हैं, जबकि वास्तविक लाइट की कीमत 3520 रुपये है।
ग्राम पंचायतों में जहां-जहां मानक विहीन लाइट लगने की शिकायतें मिलेंगी। वहां-वहां सत्यापन कराया जाएगा। यदि मानक विहीन व डुप्लीकेट लाइट मिली तो सचिवों पर सबसे पहले कार्रवाई की जाएगी— महेंद्र सिंह, उप निदेशक पंचायत।
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