हाईकोर्ट में अब वादकारियों के लिए ‘लिटिगेंट्स हाल’, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस माहेश्वरी ने किया उद्घाटन

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लखनऊ/विधि संवाददाता। राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित हाईकोर्ट परिसर में अब वादकारियों के लिए भी एक बड़ा कक्ष होगा। शुक्रवार को यहां वादकारियों के लिए निर्मित ‘लिटिगेंट्स हाल’ का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने किया। इस अवसर पर अवध बार एसोसिएशन द्वारा ‘जस्टिस डिलेवरी सिस्टम की सुदृढता: बार व बेंच का …

लखनऊ/विधि संवाददाता। राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित हाईकोर्ट परिसर में अब वादकारियों के लिए भी एक बड़ा कक्ष होगा। शुक्रवार को यहां वादकारियों के लिए निर्मित ‘लिटिगेंट्स हाल’ का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने किया। इस अवसर पर अवध बार एसोसिएशन द्वारा ‘जस्टिस डिलेवरी सिस्टम की सुदृढता: बार व बेंच का तालमेल’ विषय पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

आयोजन को समोधित करते हुए, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने बार और बेंच के तालमेल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स की एक पारी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनसे अहम सीख सकते हैं कि पेशे में निष्पक्षता का क्या महत्व है। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय मांगने की चीज नहीं है बल्कि यह प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। उन्होंने कहा कि न्याय की रक्षा करना न्यायधीश और अधिवक्ता दोनों का कर्तव्य है।

वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिन्दल ने उदाहरण देकर बताया कि कोर्ट रूम में किसी मामले पर विचार के दौरान अधिवक्ता के सहयोग की बहुत आवश्यकता होती है। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुभव की भी तारीफ की। इस अवसर पर मुख्य न्यायमूर्ति ने अवध बार को भी धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में लखनऊ बेंच के वरिष्ठ न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय, न्यायमूर्ति एआर मसूदी, न्यायमूर्ति सरोज यादव व अन्य न्यायमूर्तिगण भी मौजूद रहे।

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