लखनऊ : बैंकों के राष्ट्रीयकरण दिवस पर कर्मियों से अपील, निजीकरण के खिलाफ हो जायें एकजुट

लखनऊ, अमृत विचार । नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लाइज के उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वाधान में आज बैंकों का 54 वां राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया गया। हजरतगंज स्थित एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार पर बैंकों को एक बार फिर पूंजीपतियों के हाथों में देने का आरोप लगाते हुये जमकर नारेबाजी हुई। नेशनल …
लखनऊ, अमृत विचार । नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लाइज के उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वाधान में आज बैंकों का 54 वां राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया गया। हजरतगंज स्थित एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार पर बैंकों को एक बार फिर पूंजीपतियों के हाथों में देने का आरोप लगाते हुये जमकर नारेबाजी हुई।
नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लाइज के उत्तर प्रदेश शाखा के संगठन मंत्री अखिलेश मोहन ने बताया कि राष्ट्रीयकरण के पूर्व देश में भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर जितने भी छोटे-बड़े बैंक थे, उन पर पूंजीपतियों का कब्जा था । एक बार फिर से बैंकों पर पूंजीपतियों का कब्जा हो जायेगा। उसके बाद जैसे पहले पूंजीपति अपने निजी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए करोड़ों जनमानस की मेहनत की कमाई खर्च किया करते थे,उसी तरह दुरूपयोग करेंगे।
उन्होंने बताया कि साल 1969 में 19 जुलाई के दिन देश के 14 बड़े बैंको का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। इन बैंकों में जमा करोड़ों रूपये जन हित में खर्च किये जाने लगे। उस समय कुल 20 बैंके राष्ट्रीयकृत थीं,उसके बाद 1993 में घटकर 19 बैंके ही राष्ट्रीयकृत रह गये थे। मौजूदा समय में कुल 11 बैंक राष्ट्रीयकृत रह गये हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार इस प्रयास में हैं कि एक बार फिर बैंकों का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाह रही है। इस अवसर पर बैंक कर्मियों से यह अपील की गयी है कि सरकार के निजीकरण के प्रयासों को सफल न होने दें।
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