नैनीताल: हाईकोर्ट ने नैनी झील में सीवर जाने का लिया स्वत: संज्ञान, डीएम व जल संस्थान से मांगा जवाब
नैनीताल, अमृत विचार। हाई कोर्ट ने नैनीताल शहर में सीवर लाइनों के चोक होने व गंदा पानी नैनीझील में जाने को लेकर चिंता जताई है। इस मामले को मुख्य न्यायधीश बिपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ …
नैनीताल, अमृत विचार। हाई कोर्ट ने नैनीताल शहर में सीवर लाइनों के चोक होने व गंदा पानी नैनीझील में जाने को लेकर चिंता जताई है। इस मामले को मुख्य न्यायधीश बिपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की।
मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने जिला अधिकारी नैनीताल व जल संस्थान से बुधवार तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने जल संस्थान को निर्देश दिए है कि वे सीवर लाइनों की प्रतिदिन जांच व देखरेख करें।
जो नौ कर्मचारी सीवर लाइनों की देखरेख के लिए रखे गए है उनके कार्य का प्रतिदिन का रजिस्टर मेंटेन करें कि उन्होंने आज किस क्षेत्र का दौरा किया और क्या कार्य किया, कहां-कहां सीवर लाइन चोक है। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई बुधवार की तिथि नियत की है।
सोमवार की सुबह जब मामला सुनवाई पर आया तो कोर्ट ने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि वह शीघ्र जहां जहां सीवर लाइन चोक हो रही है उसका मौका मुयाना करें और उसकी रिपोर्ट दो बजे कोर्ट में पेश करें। दो बजे उन्होंने कोर्ट को बताया कि जहां पर सीवर लाइन चोक हो रही है उन्हें ठीक किया जा रहा है। कुछ जगहों पर सीवर लाइन के ऊपर अतिक्रमण किया हुआ है और लोगो ने मलबा नालों में फेंका है इसकी वजह से लाइन चोक हो रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि सीवर लाइन चोक होने का मुख्य कारण यह भी है कि लाइनें 50 से 80 साल पुरानी है। इनकी मरम्मत किया जाना आवश्यक है। सीवर लाइनों के चैम्बर क्षतिग्रस्त हो गए है। मुख्य स्थायी अधिक्वता सीएस रावत ने कोर्ट को अवगत कराया कि रूसी में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य चल रहा है। सीवर लाइनों के मरम्मत के लिए बजट भी अवमुक्त करा दिया गया है।
मामले के अनुसार नैनीताल शहर के कई क्षेत्रों में सीवर लाइन कई दिनों से चोक हुई है। इनक गंदा पानी नालों के जरिए सीधे नैनी झील में जा रहा है इसकी वजह से नैनीझील भी प्रदूषित हो रही है। मुख्य रूप से पंत सदन, चीना बाबा के पास, रॉयल होटल कम्पाउंड, चार्टनलॉज, मालरोड सहित कई अन्य जगहों पर सीवर लाइन चोक होने व उनका गंदा पानी सीधे झील में जाने को लेकर कोर्ट ने चिंता जताई और जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लिया। जनहित याचिका में यह भी गया कि सीवर का गंदा पानी जाने से झील प्रदूषित हो रही है । जिसका प्रभाव मानव व जलीय जीवों पर पड़ रहा है।
