रुद्रपुर: बिजली मुद्दे पर ‘दि ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा’, विधायक और पूर्व विधायक आए आमने-सामने

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अभिषेक आनंद, रुद्रपुर। जनता से जुड़े अहम मुद्दे पर शुक्रवार को शहर में ‘दि ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा’ चला। अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली दफ्तर में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने धरना दिया तो दूसरी ओर विधायक शिव अरोरा ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की। दोनों गुट आमने-सामने न आयें इसके लिये बिजली दफ्तर …

अभिषेक आनंद, रुद्रपुर। जनता से जुड़े अहम मुद्दे पर शुक्रवार को शहर में ‘दि ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा’ चला। अघोषित बिजली कटौती को लेकर बिजली दफ्तर में पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने धरना दिया तो दूसरी ओर विधायक शिव अरोरा ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की। दोनों गुट आमने-सामने न आयें इसके लिये बिजली दफ्तर में पुलिस बुलानी पड़ी।

शहर में पिछले कई दिनों से जबर्दस्त बिजली कटौती चल रही है। बिजली अधिकारी इसको लेकर एक रटा रटाया जबाव ही देते हैं कि यह कटौती ऊपर के आदेश पर हो रही है। शाम को तो अधिकारियों के फोन तक नहीं उठते हैं। हालात यह हैं कि किसी इलाके में फ्यूज भी उड़ जाये तो उसे ठीक करने में भी घंटों बिजली गुल रहती है। जनता से उड़े इस मुद्दे पर व्यापार मंडल ने पिछले दिनों प्रदर्शन किया था लेकिन जनप्रतिनिधि इसको लेकर जरा सा गंभीर नहीं थे।

शहर के राजनेताओं को शुक्रवार को एकाएक इस मुद्दे की याद आई। विधायक शिव अरोरा ने गुरुवार की शाम ऐलान किया था कि वह शुक्रवार को बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी सुबह बिजली दफ्तर में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया। शुक्रवार को पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल साढ़े दस बजे नगर निगम के सामने स्थित बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के दफ्तर में धमक गये और धरना शुरू कर दिया। विधायक ने 11 बजे का समय दे रखा था। अधिकारियों के हाथ पांव फूल गये।

प्रभारी निरीक्षक विक्रम राठौर बिजली दफ्तर पहुंच गये। आनन-फानन में पूर्व विधायक को समझा बुझाकर उनका प्रदर्शन समाप्त कराकर उन्हें बिजली दफ्तर से विदा किया गया। इसी बीच विधायक शिव अरोरा भी दलबल के साथ पहुंच गये। यह बात अलग है कि बिजली की आंख मिचौली इसके बाद भी जारी रही। शहर की जनता ने देखा कि उसके इस मुद्दे पर राजनीतिज्ञ गंभीर हो या नहीं, यह अलग बात हैं लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेंकने में कोई भी पीछे नहीं है।

मेरे पास रोजाना 25-30 फोन बिजली की समस्या को लेकर आते हैं, हम लोगों ने इसको लेकर धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम निर्धारित कर रखा था। हमें किसी के कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी। हमारी पहले से तैयारी थी इसलिये इतने लोग जुटे। जनता से जुड़े मुद्दों पर मैं संघर्ष करता रहूंगा, इसमें राजनीति जैसी कोई बात नहीं है। – राजकुमार ठुकराल, पूर्व विधायक

पिछले कई दिनों से मैं बिजली कटौती को लेकर अधिकारियों को निर्देशित कर रहा था। यह अंतिम चेतावनी बैठक रखी गई थी। गुरुवार को ही इसका मैसेज दे दिया गया था। अब इससे पहले धरना प्रदर्शन मानसिक दिवालियेपन का प्रतीक है। चुनाव में जिन्हें जनता ने नकार दिया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि वो नाकारा हैं। – शिव अरोरा, विधायक, रुद्रपुर