भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में आस्था का सैलाब, एक झलक पाने को लाखों श्रद्धालु बेताब

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में आस्था का सैलाब, एक झलक पाने को लाखों श्रद्धालु बेताब

महेश शर्मा पुरी, अमृत विचार। समय पर रीतिनीति पूर्ण होने के साथ ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों का पहिया राजमार्ग पर थोड़ी देर में चलने वाला है। छेरा पहरा के उपरांत पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलनन्द ने भी रथ पर पूजा अर्चना की। यात्रा मार्ग के दोनों किनारे पर करीब दो …

महेश शर्मा
पुरी, अमृत विचार। समय पर रीतिनीति पूर्ण होने के साथ ही भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों का पहिया राजमार्ग पर थोड़ी देर में चलने वाला है। छेरा पहरा के उपरांत पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलनन्द ने भी रथ पर पूजा अर्चना की। यात्रा मार्ग के दोनों किनारे पर करीब दो किमी की दूरी तक भारी संख्या भक्तजन अपने भगवान के दर्शन को प्रतीक्षारत हैं। भक्तिभाव के कारण अश्रुपूर्ण नेत्र साफ देखे जा सकते हैं।

विश्व प्रसिद्ध महापर्व जगन्नाथ रथयात्रा पूर्व की समस्त धार्मिक अनुष्ठान के बाद अब रथों के चलने की बारी है। जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ तीनों रथ जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहिन सुभद्रा तथा सुदर्शन चक्र विराजमान हैं अपरान्ह गुंडिचा मन्दिर मौसी मां के घर पहुंचेंगे।

विग्रहों को रथ पर स्थापित किया जा चुका हैं। गोवर्द्धनपीठ पूरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलनन्द सरस्वती महाप्रभु की रीतिनीति के अनुसार पूजा अनुष्ठान कर चुके हैं। प्रथम सेवक गजपति महाराज छेरा पहरा यानी सोने की झाड़ू से रथ मार्ग बुहारने की परंपरा भी पूरी हो चुकी है। तैयारियां निर्धारित समय से पूर्व चल रही हैं। अब रथ पर पूजन और वीवीआईपी दर्शन का क्रम चल रहा है।

लाखों की संख्या भक्तजन उपस्थित हैं। भोर चार बजे से श्रीमन्दिर के सिंह द्वार पर खड़े नन्दीघोष, तालध्वज और दर्पदलन रथ के मार्ग को महिलाएं श्रद्धापूर्वक बुहारने में जुटी थीं। भजन कीर्तन की टोलियों के आगमन और रथ मार्ग पर नारियल फोड़कर दीप प्रज्ज्वलित किये रहे थे।

सामान्य समय में लाखों लोग ‘आषाढ़ी बीज’ के दिन रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं। पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के लिए ‘पहंडी’ अनुष्ठान शुरू हो गया है। यह संकेत रीतिनीति पूर्ण होने की ओर तेजी बढ़ने का बताया जाता है।

कोरोना महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। यही वजह है कि भक्तों की ऐतिहासिक भीड़ देखी गयी। लगता है भक्तजन दो वर्ष की कसर पूरी कर ही डालेंगे।

इधर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार रात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ पुरी रेलवे स्टेशन पर जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी का निरीक्षण किया।

गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का सबसे बड़ा त्योहार रथ यात्रा है जो हर साल होती है। पिछले दो वर्षों से भक्तों की भागीदारी महामारी के कारण वर्जित थी, लेकिन इस वर्ष अनुमति दी गई है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मुद्देनजर ओडिशा सरकार ने रथयात्रा के दौरान भगदड़ की आशंका को देखते हुए श्रद्धालुओ का पांच-पांच लाख रुपये का बीमा किए जाने का फैसला किया है।

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