लखनऊ: रेलवे ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई में मारा गया ठेकेदार

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

लखनऊ। राजधानी में रेलवे ठेकेदार की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इस सम्बन्ध में पुलिस ने ठेकेदारी की पहली पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हाल ही में ठेकेदार की पहली पत्नी ने उसे धमकाया था। पुलिस इस हत्याकांड को पारिवारिक विवाद और रेलवे ठेकेदारी में …

लखनऊ। राजधानी में रेलवे ठेकेदार की घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इस सम्बन्ध में पुलिस ने ठेकेदारी की पहली पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हाल ही में ठेकेदार की पहली पत्नी ने उसे धमकाया था। पुलिस इस हत्याकांड को पारिवारिक विवाद और रेलवे ठेकेदारी में वर्चस्व की लड़ाई की आशंका जता रही है। दूसरी पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने पहली पत्नी प्रिंयका को नामजद किया है। साल 2019 में ठेकेदार पर फिरदौस ने जानलेवा हमला किया था लेकिन ठेकेदार की हत्या के बाद पुलिस ने उसे भी नामजद किया है। बता दें कि हत्यारे बिहार पुलिस वर्दी में ठेकेदार के घर पर आए थे। इसके बाद ठेकेदारों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।

दरअसल, एडीसीपी पूर्वी एसएस कासिम आब्दी के मुताबिक, तहरीर के आधार पर पुलिस ने प्रिंयका के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ठेकेदार के अपराधिक इतिहास को खंगालने के बाद विपक्षियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। बता दें कि साल 2019 में ठेकेदार पर जानलेवा हमला किया गया था। इसके बाद से ठेकेदार को अपनी हत्या किए जाने की आंशका सताने लगी थी। इसके बाद ठेकेदार ने अपनी सुरक्षा हेतु प्राइवेट कंपनी के सुरक्षा गार्ड लगवाए थे।

गोली लगने के बाद हो गया था लकवा

हालांकि पुलिस का मानना है कि पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक ठेकेदार पास रेलवे के कई ठेके थे। बेतिया में ठेकेदारी को लेकर साल 2019 में उस पर गोली चलाई गई थी। जिसमें रीढ़ की हड्डी में गोली लगने से वह लकवाग्रस्त हो गया था और वह बिस्तर पर आ गया था। इस जीआरपी ने दो महिलाओं समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी की थी। मुख्य हमलवार फिरदौस ने ठेके पर एक छत्रराज करने के लिए वीरेंद्र पर गोली चलाई थी। उस वक्त फिरदौज यह बात स्वीकार की थी। हालांकि ठेकेदार की हत्या में फिरदौज को भी नामजद किया गया है। वहीं ठेकेदार की दूसरी पत्नी खुशबून तारा का आरोप है प्रियंका वीरेंद्र के कुछ ठेकों पर भी कब्जा करना चाहती है।

ठेकेदार नाम बदल कर रह रहा था

पुलिस के सामने एक चौंका देने वाली बात उजागर हुई है कि साल 2014 में बिहार के नरकटियागंज में शंभूराम हत्याकांड में ठेकेदार का नाम सामने आया था। इस केस में जमानत मिलने के बाद ठेकेदार लखनऊ में आया गया और नाम बदल कर रहने लगा। इस बात का खुलासा तब हुआ जब साल 2019 में उस पर हमला किया गया। इस मामले में पुलिस में मुख्य आरोपी शादाब अख्तर उर्फ फिरदौस, मिक्ताउल, माही और उसकी मां मिराज खातून को नामजद किया था। उस वक्त पता चला कि ठेकेदार का असली नाम गोरख ठाकुर है। उसके नाम से बिहार में लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस और विरोधियों से बचने के लिए वह राजधानी में खानाबदोश की रह रहा था।

यह भी पढ़ें-  लखनऊ : पुलिस की वर्दी में आए बदमाशों ने रेलवे ठेकेदार को गोली से उड़ाया

संबंधित समाचार