बागेश्वर: बागनाथ मंदिर और आसपास के स्थानों का होगा विकास
बागेश्वर, अमृत विचार। प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा है कि बागनाथ मंदिर समेत आसपास के क्षेत्रों को दिव्य एवं भव्य स्वरूप देने के लिए विकास कार्य किये जायेंगे। उन्होंने बागनाथ धाम में स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में अधिकारियों के साथ जिला कार्यालय में बैठक की। इसके साथ …
बागेश्वर, अमृत विचार। प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा है कि बागनाथ मंदिर समेत आसपास के क्षेत्रों को दिव्य एवं भव्य स्वरूप देने के लिए विकास कार्य किये जायेंगे। उन्होंने बागनाथ धाम में स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में अधिकारियों के साथ जिला कार्यालय में बैठक की। इसके साथ ही बागनाथ मंदिर में प्रस्तावित कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया।
शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि बागनाथ मंदिर के लिए सुगम एवं सुरक्षित निर्माण कार्य करने व स्थानीय निवासियों की आर्थिकी को बढ़ाने के दृष्टिगत विकास कार्य किए जा रहे हैं। आस्था के प्रतीक घाटों का विकास किया जा रहा है। सचिव पर्यटन ने कहा कि जनपद की संस्कृति, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत में पर्यटन के विकास और रोजगार सृजन के लिए विशाल क्षमता है इसलिए पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना के तहत कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटक परिपथों को विकसित करने करने के दौरान धर्म, संस्कृति, विरासत आदि को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटक परिपथों को इस प्रकार विकसित किया जाना चाहिए जो स्थानीय समुदाय और पर्यटन दोनों की मांगों को समग्र रूप से पूरा करता है। पर्यटन परिपथों के विश्वस्तरीय अवसंरचना के विकास के द्वारा सतत रूप से पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक संरक्षण के साथ ईको पर्यटन को विकसित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध और प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन क्षमता वाली साइटों को विकसित किया जाए। आजीविका पैदा करने के लिए स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, व्यंजन आदि को बढ़ावा दिया जाए। कहा कि जो भी प्रोजेक्ट बनाया जाए, उसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मंदिर समिति, जूना अखाड़ा सहित व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से वार्ता जरूर कर ली जाए। उन्होंने कहा कि अवस्थापना के जो भी कार्य कियें जाए उनमें मानको का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि प्रोजेक्ट बनाने में किसी व्यक्ति की जमीन आती है तो संबंधित व्यक्ति से भी वार्ता कर ली जाए।
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार करते समय संबंधित विभाग भी समन्वय कर लें ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से संबंधित विभागों के साथ बैठक कर एनओसी प्राप्त कर लेने को कहा। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रसाद वितरण की उचित व्यवस्था हो व आजीविका संवर्द्धन हेतु समितियों को इसमें जोड़ा जाए। इस दौरान सचिव ने कन्सल्टन्ट को हैरिटेज कंपोनेंट से जोड़ने के भी निर्देश दिए।
बैठक के बाद सचिव पर्यटन ने बागनाथ मंदिर पहुंचकर प्रस्तावित कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया व आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने संग्रहालय में मूर्तियों के लिए ड्राइंग तैयार कर उसे फसाद परियोजना में रखने, तीर्थ यात्रियों के लिए मंहत बगीचे से मंदिर तक पैदल पुल हेतु प्रस्ताव शीघ्र बनाने व सरयू, सूरज कुंड घाट का सौन्दर्यीकरण करने, मंदिरों व प्रतिमाओं का केमिकल उपचार, बैड़ीमाधव घाट व त्रिवेणी संगम का सौन्दर्यीकरण हेतु प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। इधर, जिलाधिकारी विनीत कुमार ने उन्हें स्वदेश दर्शन योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों व प्रस्तावों की जानकारी दी।
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन पूजा गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह इमलाल, मुख्य विकास अधिकारी संयज सिंह, उपजिलाधिकारी हरगिरि, अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद, ईई लोनिवि राजकुमार, सिंचाई के योगेश कांडपाल, पेजयल निगम के वीके रवि, ग्रामीण निर्माण विभाग के रमेश चंद्र, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या, दलीप खेतवाल, बाला दत्त तिवारी, अध्यक्ष बागनाथ मंदिर कमेटी नंदन सिंह रावत, पुजारी हेम जोशी, कंसल्टेंट हेम जोशी, अजय जोशी आदि मौजूद रहे।
