अलीगढ़ : सफाई के नाम पर लाखों का गोलमाल, पार्षदों ने दर्ज कराया तीखा विरोध
अलीगढ़, अमृत विचार। नगर निगम में हर साल नाला और सीवर सफाई कार्य के लिए लाखों का बजट जारी होता है। लेकिन ये सफाई केवल कागजों तक ही सीमित रहती है। सफाई का टेंडर मिलने वाली फर्म इसमें लाखों का गोलमाल बड़ी आसानी से कर लेती हैं। बीते साल रामघाट रोड पर हुए सफाई कार्य …
अलीगढ़, अमृत विचार। नगर निगम में हर साल नाला और सीवर सफाई कार्य के लिए लाखों का बजट जारी होता है। लेकिन ये सफाई केवल कागजों तक ही सीमित रहती है। सफाई का टेंडर मिलने वाली फर्म इसमें लाखों का गोलमाल बड़ी आसानी से कर लेती हैं। बीते साल रामघाट रोड पर हुए सफाई कार्य में बड़ा खेल उजागर हुआ है। नाला और सीवर की सफाई किए बिना ही भुगतान की तैयारी थी। भाजपा पार्षदों की आपत्ति पर जांच हुई तो सच्चाई सामने आ गई।
गौरतलब है कि नगर निगम नालों और सीवर की सफाई निजी एजेंसियों के जरिए भी कराता है। बीते साल जुलाई में छर्रा अड्डा से गुरुद्वारा रोड होकर मरघट और महाजन होटल से किशनपुर तिराहे तक सीवर लाइन व क्वार्सी चौराहे से आगे भूमिगत नाले की सफाई निजी एजेंसी से कराई गई थी। इसका ठेका पहले दूसरी एजेंसी को दिया गया था, जो बीच में काम छोड़कर चली गई। फिर स्थानीय एजेंसी को ठेका दिया, जो करीब दो करोड़ रुपये का था।
एजेंसी ने सफाई कार्य पूरा होना बताकर भुगतान की पत्रावलियां नगर निगम में पेश कर दीं। विभागीय अफसरों ने भी सहमति जता दी। इस पर भाजपा पार्षद विजय तोमर और सुरेंद्र पचौरी ने कड़ी आपत्ति जताई। विजय तोमर ने तो बोर्ड अधिवेशन में अफसरों से जवाब मांग लिया। उनका कहना था कि स्थानीय फर्म से साठगांठ कर विभागीय अफसरों ने सफाई कराए बिना ही भुगतान की फाइल तैयार करा ली। पार्षदों के इन आरोपों पर नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सहायक नगर आयुक्त ठाकुर प्रसाद के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी।
जांच कमेटी के सदस्य सुरेंद्र पचौरी, पार्षद पुष्पेंद्र जादौन और विजय तोमर ने जांच में हीलाहवाली के आरोप लगाए। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त को सौंप दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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