बरेली: 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में आरोपी प्रदीप के दर्ज होंगे बयान

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बरेली, अमृत विचार। गाटा संख्या सही कराने के नाम पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और 1.80 लाख रुपये लेने के मामले में घिरे तहसीलदार शेर बहादुर सिंह पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शेर बहादुर सिंह और अर्दली अबरार पर दर्ज हुई भ्रष्टाचार की रिपोर्ट के मामले की जांच सीओ प्रथम …

बरेली, अमृत विचार। गाटा संख्या सही कराने के नाम पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और 1.80 लाख रुपये लेने के मामले में घिरे तहसीलदार शेर बहादुर सिंह पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शेर बहादुर सिंह और अर्दली अबरार पर दर्ज हुई भ्रष्टाचार की रिपोर्ट के मामले की जांच सीओ प्रथम कर रही हैं।

इसमें विभागीय जांच एसडीएम सदर के स्तर से भी की जा रही है। मामले में 1.80 लाख रुपये की रिश्वत देने वाले और तहसीलदार सदर के केबिन में अभिलेख फाड़ने व मारपीट करने के आरोपी प्रदीप यादव के बयान दर्ज किए जाएंगे। प्रदीप कई दिन जेल में रहा। इस बीच एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र की ओर से बयान दर्ज कराने के संबंध में प्रदीप को नोटिस जेल भिजवाया था, लेकिन जमानत मिलने पर आरोपी प्रदीप बाहर आ गया।

तहसील सदर के सूत्रों के अनुसार दूसरा नोटिस प्रदीप के घर भेजने की तैयारी की जा रही है। एक या दो दिन में नोटिस जारी होगा। नोटिस देकर बुलाने पर प्रदीप के पूरे घटनाक्रम के संबंध में बयान दर्ज किए जाएंगे।

यह है पूरा मामला
गायत्री नगर वीर सावरकर नगर निवासी वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने 17 जून 1995 में भूमाफिया घोषित जगमोहन से 720 वर्गगज के तीन प्लॉट 240-240 वर्गगज के खरीदे थे। जिस पर वीरेंद्र सिंह ने निर्माण कार्य शुरू किया तो फूल सिंह आदि ने विरोध करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। इसी विवाद में तहसीलदार के अर्दली से गाटा संख्या सही कराने के नाम पर रिश्वत की डील हुई थी।

इस मामले में वीरेंद्र की ओर से प्रदीप कुमार ने रिश्वत देने की बात की। जिसमें 1.80 लाख रुपये दे भी दिए थे। रुपये देने के दौरान प्रदीप ने वीडियो भी बनाया था। 7 मई को प्रदीप तहसीलदार के केबिन में था। तभी मारपीट हुई। प्रदीप पर अभिलेख फाड़ने व मारपीट करने के आरोप में रिपोर्ट हुई थी। उसमें गिरफ्तार किया गया था।

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