गोली चले या लाठी, रविवार को प्रदर्शन जरूर होगा- मौलाना तौक़ीर रज़ा खां
शारीना खान, अमृत विचार। पैगम्बर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर पूरे देश के मुसलमानों में आक्रोश है। देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। इस बीच बीते शुक्रवार को देश भर में कई जगहों पर …
शारीना खान, अमृत विचार। पैगम्बर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर पूरे देश के मुसलमानों में आक्रोश है। देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। इस बीच बीते शुक्रवार को देश भर में कई जगहों पर जुमे की नमाज के बाद उग्र प्रदर्शन हुए, जिसमें पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है और धारा 144 लागू करते हुए किसी भी तरीके के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। वहीं बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा ने 17 जून को प्रदर्शन का ऐलान किया था, जिसे अब स्थगित कर 19 जून (रविवार) को कर दिया गया है। नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी और देशभर में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर अमृत विचार ने मौलाना तौक़ीर रज़ा से खास बातचीत की।
सवाल- 17 जून को किया जाने वाला प्रदर्शन स्थगित होकर अब 19 जून यानि रविवार को किया जाएगा। क्या आपको इसके लिए पुलिस-प्रशासन की अनुमति मिली है? जबकि शहर में धारा 144 लागू है एडीजी का कहना था कि शहर में किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जवाब- उन्होंने कहा था कि अनुमति के बगैर प्रदर्शन नहीं करने दिया जाएगा। लेकिन हमारा जज़्बा यह कहता था कि अनुमति हो या न हो हमें प्रदर्शन करना ही है क्योंकि पूरी दुनिया के मुसलमानों के मज़हबी जज़्बात को ठेस पहुंचाई गई है लेकिन अपने देश और शहर में अमन बनाये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। हमने पिछले जुमे को प्रदर्शन इसलिए स्थगित किया था क्योंकि उस दिन गंगा दशहरा था। हिंदू आस्था का हमें एहतराम करना चाहिए और यही हम उनसे उम्मीद करते हैं। हमारी आस्था को ठेस पहुंचाई गई है इसलिए हम यह लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बार जुमे का कार्यक्रम इसलिए स्थगित किया गया है क्योंकि जुमे का खौफ लोगों के दिलों में बैठ गया है वह खौफ निकालना भी जरूरी है। हिंदूवादी संगठन, पुलिस-प्रशासन और हुकूमत जुमे से बहुत डरने लगे हैं। मुसलमानों के यहां जुमे की बहुत अहमियत है। यह एहतराम और अहमियत बनी रहे इसलिए जिला प्रशासन से मीटिंग के बाद यह फैसला किया गया कि कार्यक्रम जुमे की बजाय इतवार को करेंगे। प्रशासन ने हमें इतवार को कार्यक्रम की अनुमति दे दी है। इस कार्यक्रम में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदबुद्धि की दुआ की जाएगी।
सवाल- कुछ लोगों का कहना है कि मौलाना तौक़ीर रज़ा प्रदर्शन का ऐलान करते हैं फिर समय आने पर कार्यक्रम स्थगित कर देते हैं। तीन दिन पहले शहर में प्रभारी मंत्री आये थे उन्होंने भी अपने बयान में कहा था कि 10 जून को होने वाला प्रदर्शन 17 तक के लिए स्थगित कर दिया गया, दोबारा स्थगित कर दिया जाएगा और वही हुआ इस बार भी स्थगित हो गया। अब रविवार को प्रदर्शन होगा या इस बार भी स्थगित हो जाएगा?
जवाब- यदि इतवार को प्रदर्शन नहीं करने दिया जाएगा तो फिर शासन, प्रशासन, पुलिस किसी की कोई बात नहीं सुनी जाएगी। इतवार को चाहें गोली चले या लाठी चले, किसी भी कीमत पर प्रदर्शन रद नहीं किया जाएगा। हमसे जिला प्रशासन ने जो वादा किया है हमें उस पर यकीन है कि हमारे साथ गद्दारी नहीं की जाएगी। पुलिस से ज्यादा मुझे हमारे हिंदू भाईयों पर भरोसा है। यदि कोई हमारे प्रदर्शन में गड़बड़ करने की कोशिश करता है तो मुझे यकीन है कि हमारे हिंदू भाई उसे रोकने का काम करेंगे।
सवाल- मुसलमानों की मांग है कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाए इसको लेकर देश में कई जगह प्रदर्शन किये जा रहे हैं इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होती है तो अगला स्टेप क्या होगा?
जवाब- मांग पूरी न होने तक हम गांधीवादी तरीके से लगातार धरना प्रदर्शन करते रहेंगे। हमारी लड़ाई हिंदू समाज से या पुलिस-प्रशासन से नहीं है। मैंने यह अपील की है कि यदि कहीं कोई रोक-टोक की जाती है तो वहीं बैठकर दुरूद शरीफ पढ़ लें। पुलिस से किसी भी प्रकार की झड़प नहीं होनी चाहिए। पुलिस का इक़बाल बुलंद रहना चाहिए। वर्दी की इज्जत रहनी चाहिए लेकिन पुलिस की वर्दी में जो इंसान है उसे हिंदू-मुस्लिम से ऊपर उठकर पुलिसमैन की हैसियत से काम करना चाहिए। सभी से बराबरी का बर्ताव करना चाहिए।
सवाल- पिछले शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा था तभी कुछ जगह इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, इसे आप किस तरह से देखते हैं?
जवाब- पिछले शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन हो रहा था और शांतिपूर्वक ही संपन्न हो जाता। पुलिस को कुछ देर सब्र करना चाहिए था। पुलिस ने छेड़छाड़ की। जो हुआ उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। यह सब पुलिस की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी की वजह से हुआ। यदि पुलिस सूझबूझ से काम लेती तो ऐसी घटना नहीं होती।
सवाल- आपको क्या लगता है कि रविवार को होने वाले प्रदर्शन में आप पर पुलिस-प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का दबाव बनाया जा सकता है? जबकि आप पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं।
जवाब- मुकदमे दर्ज करते रहिये, मुकदमों का दबाव हम पर नहीं है। हमने हर मामले में सब्र किया है। बुलडोजर चलाना चाहें तो बुलडोजर चला दें, ईडी का छापा पड़वाना चाहें तो छापा पड़वा दें। सीबीआई भी भेज दें हमारा लैपटॉप, मोबाइल वगैरह सभी जब्त कर लें। मोबाइल में दिखा दें कि किन-किन आतंकवादी गुटों से हमारा संपर्क है। आपके पास ताक़त है यह सब आप कर सकते हैं। लेकिन रसूल-ए-आज़म की शान में गुस्ताखी के मामले में किसी तरह का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री का मौन बताता है कि अपराधियों का सरपरस्त कौन है?
मौलाना तौक़ीर रज़ा ने कहा कि नूपुर तो एक मोहरा है उसकी लगाम कहीं और है। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा को गिरफ्तार किया जाये क्योंकि सामने आकर अपराध उसने किया है और उस अपराध को अपराध मान लिया गया तभी उसे पार्टी से निलंबित किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री का मौन यह बताता है कि अपराधियों की सरपरस्ती कौन कर रहा है? अपराधियों की सरपरस्ती की जा रही है। इसका मतलब यह है कि महाभारत में जो धृतराष्ट्र हम ने देखा है वो धृतराष्ट्र वालो रोल आज नरेंद्र मोदी निभा रहे हैं। उसने भी अपराधियों का साथ दिया था, बेईमानों का साथ दिया था और आज भी बेईमानों का साथ दिया जा रहा है। हम प्रधानमंत्री से चाहते हैं कि वह अपनी जबान खोलें और बयान जारी करें। पीएम यह बताएं कि वह देश को किस रास्ते पर लेकर जाना चाहते हैं। देश में एकता और भाईचारे का माहौल बनाना चाहते हैं या देश को 80 और 20 की लाइन पर ले जाना चाहते हैं। जब तक प्रधानमंत्री वजाहत नहीं करेंगे हमारे यह धरने प्रदर्शन केवल बरेली में नहीं पूरे हिंदुस्तान में होगा और लगातार होता रहेगा।
