बरेली: नदी किनारे बना रहे एसटीपी, एनओसी न मिलने से लटका निर्माण

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यतीश शर्मा, अमृत विचार, बरेली। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हरुनगला में नकटिया नदी किनारे एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण एनओसी न मिलने के कारण अटक गया है। इससे कार्यदायी संस्था को भी दिक्कत हो रही है। यह प्लांट जिले का सबसे बड़ा होगा। इसके निर्माण से रामगंगा नदी में गिरने वाले 13 नालों …

यतीश शर्मा, अमृत विचार, बरेली। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत हरुनगला में नकटिया नदी किनारे एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण एनओसी न मिलने के कारण अटक गया है। इससे कार्यदायी संस्था को भी दिक्कत हो रही है। यह प्लांट जिले का सबसे बड़ा होगा। इसके निर्माण से रामगंगा नदी में गिरने वाले 13 नालों का पानी साफ किया जाएगा। इसके बाद उसे खेती समेत अन्य कार्यों में प्रयोग कर सकेंगे।

कार्यदायी संस्था इनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील चौहान ने बताया कि नकटिया नदी पर बनने वाला एसटीपी 42 एमएलडी क्षमता वाला होगा। इसके लिए 233.72 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। एसटीपी बनने के बाद 15 साल तक कंपनी ही इसकी देखरेख करेगी। यदि इस दौरान कोई कमी या गड़बड़ी होती है तो उसे सुधारना कंपनी की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने बताया कि एसटीपी प्लांट निर्माण में विभिन्न विभागों से मिलने वाली एनओसी रोड़ा डाल रही है। सबसे ज्यादा जमीन संबंधी अनुमति मिलने में देरी हो रही है। यदि समय पर सभी अनुमति मिल जाए तो प्लांट निर्माण और उसे शुरू कराने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। अनुमति मिलने में हो रही देरी के कारण कार्य की गति पर असर पड़ रहा है।

चौबारी और एयरफोर्स नाले के पास भी बनेगा एसटीपी
शहर के नालों का पानी एसटीपी से साफ करके नदी में छोड़ा जाएगा। इसके लिए तीन एसटीपी चौबारी, बीसलपुर, एयरफोर्स नाले के पास बनाए जाएंगे। चौबारी में 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया जाएगा। एयरफोर्स नाले के पास 1 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया जाएगा। इन जगहों पर तीन पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जबकि एक लिफ्टिंग स्टेशन बनाने की योजना है। शहर से हर रोज निकलने वाला करीब 154 एमएलडी सीवरेज का पानी अभी तक बिना साफ किए रामगंगा नदी में जा रहा है। अब इन सभी नालों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा, जिससे पानी साफ होने के बाद रामगंगा में छोड़ा जाएगा।

पानी सफाई के दौरान निकले मलबे से तैयार होगी खाद
– एसटीपी में साफ हुए पानी को खेती, पशुओं एवं कपड़े धोने के प्रयोग में लिया जाएगा। इसका प्रयोग पीने के पानी के लिए नहीं होगा। कंपनी के अधिकारी बताते हैं कि पानी सफाई के दौरान निकलने वाले मलबे से यहां खाद भी तैयार होगी।

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