हल्द्वानी: सामाजिक, राजनीतिक और व्यवस्था परिवर्तन के लिए सड़क पर उतरे लोग, बोले- सरकार होश में आओ वरना…
हल्द्वानी, अमृत विचार। सामाजिक, राजनीतिक और व्यवस्था परिवर्तन की मांग को लेकर आज हल्द्वानी में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से जुड़े सदस्यों ने हल्ला बोल कर केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की धामी सरकार को चेताया और तिकोनिया से एसडीएम कोर्ट तक रैली निकालकर जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान बुद्ध पार्क में सभा के …
हल्द्वानी, अमृत विचार। सामाजिक, राजनीतिक और व्यवस्था परिवर्तन की मांग को लेकर आज हल्द्वानी में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से जुड़े सदस्यों ने हल्ला बोल कर केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की धामी सरकार को चेताया और तिकोनिया से एसडीएम कोर्ट तक रैली निकालकर जमकर नारेबाजी भी की।
इस दौरान बुद्ध पार्क में सभा के दौरान उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी आबादी खुद को सामाजिक और आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रही है। खुद केंद्र की मोदी सरकार भी कहती है कि कोरोना काल में सरकार ने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन दिया जिनके पास रोजी रोटी का कोई आय नहीं था।
केंद्रीय उपाध्यक्ष और राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने कहा कि कोरोना काल में लोगों की आमदनी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कोरोना महामारी के बाद लोगों के रोजगार और नौकरियां खत्म हो रहे हैं। लेकिन सरकार सिर्फ दिखावे के लिए किसानों और बुजुर्गों को थोड़ी पेंशन देकर खानापूर्ति कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सांसदों और विधायकों को पेंशन और भत्तों की सुविधा दी जा रही हैं वहीं पैरामिलिट्री और अर्धसैनिक बलों को पेंशन भत्तों से वंचित किया जा रहा है। इतना ही नहीं महंगाई के इस दौर वरिष्ठ नागरिक भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को वरिष्ठ नागरिकों को भी सम्मानजनक पेंशन देनी चाहिए।
केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि एक तरफ सांसद और मंत्री तमाम वेतन भत्तों की सुविधाएं ले रहे हैं वहीं युवा बेरोजगार होकर घर बैठने को मजबूर हैं। सरकार की गलत नीतियों की वजह से आज हर वर्ग आर्थिक और मानसिक परेशानी से जूझ रहा है लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते केंद्र और राज्य सरकार ने आम नागरिकों के हित में निर्णय नही लिए और पहाड़ में भूमाफिया, खनन माफिया, शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो आने वाले वक्त में सड़क पर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
