गोरखपुर: निषाद युवा वाहिनी ने जिलाधिकारी को सौंपा 4 सूत्रीय मांग पत्र
गोरखपुर। सोमवार को निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील साहनी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित 4 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया। मांग पत्र में निषाद समाज को आरक्षण दिए जाने, कसरवल कांड में प्रदर्शन कराने वाले तथाकथित नेता के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। ज्ञापन के …
गोरखपुर। सोमवार को निषाद युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील साहनी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित 4 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया। मांग पत्र में निषाद समाज को आरक्षण दिए जाने, कसरवल कांड में प्रदर्शन कराने वाले तथाकथित नेता के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
ज्ञापन के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील चंद साहनी ने कहा कसरवल कांड सोची समझी साजिश थी। जो समाज को गुमराह कर अपने स्वार्थ के लिए रेलवे ट्रैक पर लाया और जब मामला बिगड़ गया तो मौके से डॉक्टर संजय निषाद फरार हो गए।जिससे अज्ञात गोली से निषाद समाज का बेटा अखिलेश निषाद की मौत हो गई और न जाने कितने गरीब निषाद आंदोलनकारियों पर लाठी बरसाया गया।
इन सभी के जिम्मेदार कहीं ना कहीं डॉक्टर संजय निषाद हैं। जो समाज को गुमराह किए। उनके खिलाफ मुकदमे लगवाएं और अपने सत्ता का सुख भोगने लग गए। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं डॉक्टर संजय निषाद से कि केंद्र में सरकार प्रदेश में सरकार हैं और खुद कैबिनेट मंत्री हैं फिर भी आरक्षण समाज को नहीं मिला।
आरक्षण के नाम पर इनके परिवार में सांसद, विधायक, मंत्री सब बन गए पर समाज को क्या मिला। समाज आज अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने जब देखा कि निषाद समाज इनसे सवाल करना शुरू कर दिया है तो यह सदन में घड़ियाली आंसू बहाने लग गए और कसरवल में शहीद अखिलेश निषाद का शहादत दिवस मनाने के बहाने से समाज को जोड़ना चाह रहे हैं।
निषाद समुदाय अब जाग चुका है अब ऐसे गुमराह करने वाले लोगों के साथ समाज नहीं है अब पूरा समाज जाग चुका है कुछ चंद लोग हैं जिन्हें बहुत दिन तक अब गुमराह नहीं कर सकते हैं वह भी जल्द ही जागरूक होंगे। अगर समाज का भला चाहते हैं तो सत्ता में रहते हुए अपने पद से इस्तीफा दें और आरक्षण की मांग करें अन्यथा उनको समाज कभी माफ नहीं करेगा।कसरवल कांड में शहीद अखिलेश निषाद का शहीद स्मारक बनाया जाए,अंत में आखिरी मांग नौसढ़ चौराहे को वीर एकलव्य नाम से विकसित किया जाए और उस चौराहे पर वीर एकलव्य की मूर्ति लगाया जाए।
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