लखनऊ : अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनती जा रही है राजधानी
लखनऊ। प्रदेश के अन्य जिलों व प्रांतों के अपराधियों के लिए राजधानी सुरक्षित पनाहगाह बनती जा रही है। कई बार अपराधी और आतंकियों से इस शहर के तार जुड़ चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस दूसरे जिलों और प्रांतों से आए किराएदारों का सत्यापन नहीं कराती है। जब दूसरे जनपदों से अपराधी …
लखनऊ। प्रदेश के अन्य जिलों व प्रांतों के अपराधियों के लिए राजधानी सुरक्षित पनाहगाह बनती जा रही है। कई बार अपराधी और आतंकियों से इस शहर के तार जुड़ चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस दूसरे जिलों और प्रांतों से आए किराएदारों का सत्यापन नहीं कराती है।
जब दूसरे जनपदों से अपराधी वारदात को अंजाम देकर लखनऊ से गिरफ्तार किए जाते हैं, तब पुलिस की नींद टूटती है। इसी का नतीजा है कि अपराधी गैर जिलों में वारदात कर यहां ठिकाना बना लेते हैं। हालात यह है कि शहर में एसटीएफ और एनआईए की टीम पूर्व में कई ऐसे लोगों को दबोच चुकी है, जिनका किसी आतंकी संगठन से ताल्लुक रहा और वह बड़ी वारदातों को अंजाम देने के फिराक में रहे।
केस नंबर एक
कानपुर में हुए बवाल के बाद फरार मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी को एसटीएफ की टीम ने 4 जून को लखनऊ के हजरतगंज स्थित मकान से गिरफ्तार किया था। आरोपी हिंसा के बाद कानपुर से आकर हजरतगंज स्थित एक पोर्टल ऑफिस में शरण लिया था। यहां से मुख्य आरोपी के साथ-साथ जावेद अहमद, मोहम्मद राहिद, मोहम्मद सुफियान को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से छह मोबाइल फोन भी बरामद हुई थी। आरोपी तक पुलिस या एसटीएफ न पहुंच सके, इसके लिए आरोपियों ने हर दो घंटे पर अपना लोकेशन बंद करते हुए स्थान बदल कर फिर से ऑफिस पहुंचते थे।
केस नंबर दो
मंत्रियों और उच्चाधिकारियों का करीबी बताकर सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को 1 जून को लखनऊ से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की टीम ने राम व्यास, शैलेश और आदित्य श्रीवास्तव को बैंक आफ बडौदा के रीजनल ऑफिस से सटे होटल हयात रीजेन्सी के पीछे से काबू किया था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वह मंत्रियों और अधिकारियों का करीबी बताकर सरकारी नौकरी का झांसा देते हुए छगी करता था। ये तीनों यहां पर किराए का मकान लेकर रहते थे।
केस नंबर तीन
शराब फैक्ट्री को-आपरेटिव कंपनी लिमिटेड सहारनपुर से भारी मात्रा में निकाली जा रही अवैध शराब में करोड़ो की एक्साइज ड्यूटी और टैक्स चोरी करने के मामले में एसटीएफ ने आरोपी को 31 मई को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। 25 हजार के इनामी सोमशेखर को एसटीएफ की टीम ने उस समय विपुल खण्ड-3 गोमतीनगर लखनऊ से गिरफ्तार किया था। जब आरोपी लखनऊ से भागने के फिराक में था। आरोपी सोमशेखर गिरफ्तारी से बचने के लिए हैदराबाद व अन्य जगहों पर स्थान बदल-बदल कर रह रहा था। बाद में लखनऊ को सुरक्षित ठिकाना मानकर यहां पर रह रहा था।
केस नंबर चार
हत्या मामले में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी बदमाश अभय सिंह को एसटीएफ की टीम ने 31 मई को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी ने बताया था कि वह 28 जनवरी की रात लखनऊ के ग्राम दनौर थाना-माल में राकेश कुमार उर्फ टिकैत की अपने साथियों के साथ मिलकर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के कारण हत्या कर दी थी। मामले में दो आरोपी पहले गिरफ्तार किए गए थे। जबकि, अभय फरार चल रहा था। जिसे 31 मई को आउटर रिंग रोड पुल निर्माणाधीन माल-अतरौली रोड लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
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