बरेली: जलवायु परिवर्तन का डेयरी उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव से कराए अवगत

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अमृत विचार, बरेली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से विश्व दुग्ध दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जलवायु परिवर्तन का डेयरी उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विशेष रूप से जानकारी दी गई। इस मौके पर राकेश पाण्डेय ने विश्व दुग्ध दिवस का महत्व बताया। …

अमृत विचार, बरेली। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से विश्व दुग्ध दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जलवायु परिवर्तन का डेयरी उद्योग पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विशेष रूप से जानकारी दी गई। इस मौके पर राकेश पाण्डेय ने विश्व दुग्ध दिवस का महत्व बताया।

वहीं, विषय विशेषज्ञ रंजीत सिंह ने बताया कि आज दूध दही, मट्ठा, सुगंधित दूध, कोल्ड कॉफी, चॉकलेट मिल्क, खोया, पनीर, चीज, घी, लस्सी, आइसक्रीम, कुल्फी, खीर, मिठाई, रबड़ी, आदि कई रूपों में उपलब्ध है। इसलिए जिन बच्चों को दूध नहीं पसंद है वो भी इसके अन्य रूपों का सेवन करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नियमित दूध का सेवन करने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

इस दौरान सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी एनके सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन का सीधा प्रभाव पशुओं के उत्पादन पर पड़ रहा है। ऐसे में पशुओं के आवास व्यवस्था में सुधार करके उसे और अधिक सुविधाजनक बनाने, स्वच्छ, हवादार, स्वच्छ पीने के पानी और उनके स्नान आदि की बेहतर व्यवस्था कर उन्हें भीषण गर्मी और सर्दी के मौसम से बचाने की आवश्यकता है। डेयरी उद्योग में पशुशाला से मीथेन गैस के उत्सर्जन को न्यून करने तथा पशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के संबंध में पशुपालकों को वैज्ञानिकों के निरंतर संपर्क में रहकर कार्य करने की भी आवश्यकता है। कार्यक्रम में 27 कृषकों ने भागीदारी की।

कैंट एएससी स्कूलों के बच्चों ने किया भ्रमण
मुख्य तकनीकी अधिकारी दुर्गा दत्त शर्मा ने एएससी कैंट स्कूल के बच्चों को कृषि विज्ञान अनुदेशात्मक फार्म, डेयरी प्रौद्योगिकी अनुभाग का भ्रमण कराया। जहां बच्चों ने पॉशच्युराइजेशन प्लांट, पनीर बनाने के तरीके, मिल्क पैकिंग मशीन, कोल्ड स्टोरेज आदि के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस दौरान लाइब्रेरी ऑफिसर एके शर्मा, सीएसएम प्रमोद कुमार व स्कूल के 49 बच्चे मौजूद रहे।

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