ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अजमेर शरीफ पर दावा, प्रताप सेना बोली- दरगाह एक शिव मंदिर था

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अजमेर। काशी में ज्ञानवापी मस्जिद है या फिर मंदिर, मथुरा की ईदगाह क्या कृष्ण जन्मभूमि है, आगरा के ताहमहल में शिवालय है या दरगाह और कुतुब मीनार परिसर में मस्जिद है या फिर गणेश मंदिर.. पूरे देश में मंदिर मस्जिद पर घमासान छिड़ा हुआ है। काशी से कर्नाटक तक बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस …

अजमेर। काशी में ज्ञानवापी मस्जिद है या फिर मंदिर, मथुरा की ईदगाह क्या कृष्ण जन्मभूमि है, आगरा के ताहमहल में शिवालय है या दरगाह और कुतुब मीनार परिसर में मस्जिद है या फिर गणेश मंदिर.. पूरे देश में मंदिर मस्जिद पर घमासान छिड़ा हुआ है। काशी से कर्नाटक तक बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस बीच अब अजमेर शरीफ की दरगाह को लेकर भी नए दावे किए जाने लगे हैं।

अजमेर शरीफ दरगाह या शिवालय?
ये सवाल नहीं सियासत का नया मुद्दा है, अब तक देश की अदालतों में काशी, मथुरा, आगरा और कुतुब मीनार को लेकर केस होता देखा जा है। इसी बीच अजमेर शरीफ की दरगाह की जांच के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। दरअसल, अब महाराणा प्रताप सेना ने ये दावा किया है कि राजस्थान का अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब दरगाह एक मंदिर है। इस संगठन ने इसकी जांच कराने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

एक तस्वीर का हवाला देकर महाराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने ये कहा है कि अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान बने हुए हैं। ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए। महराणा प्रताप सेना के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दावा करते हुए कहा कि ‘अजमेर की हजरत ख़्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया।’

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