बहराइच: रेंज कार्यालय से 300 मीटर की दूरी पर बाघों में होता रहा संघर्ष, मौत के बाद वन विभाग को हुई जानकारी
बहराइच। दो दिन पूर्व कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय से 300 मीटर की दूरी पर बाघों का संघर्ष होता रहा, लेकिन वन विभाग को नर बाघ की मौत के बाद जानकारी हुई। वहीं बाघ की मौत पर अलग अलग बयान भी लोगों में कौतूहल का विषय बना रहा। आठ माह में दो बाघ और दो तेंदुओं की …
बहराइच। दो दिन पूर्व कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय से 300 मीटर की दूरी पर बाघों का संघर्ष होता रहा, लेकिन वन विभाग को नर बाघ की मौत के बाद जानकारी हुई। वहीं बाघ की मौत पर अलग अलग बयान भी लोगों में कौतूहल का विषय बना रहा। आठ माह में दो बाघ और दो तेंदुओं की मौत से वन्यजीव की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
पेड़ों के सुरक्षा के लिए सात रेंज कार्यालय स्थापित हैं
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जंगल में वन्यजीवों और पेड़ों के सुरक्षा के लिए सात रेंज कार्यालय स्थापित हैं। इन वन कर्मियों की मॉनिटरिंग प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन द्वारा स्वयं की जाती है। इसके बाद भी वन्य जीवों की मौत और पेड़ों के कटान सवाल खड़े रहे हैं।
दो दिन पूर्व कतरनिया घाट रेंज कार्यालय से 300 मीटर की दूरी दो बाघों के बीच संघर्ष हो गया। लगभग 10 मिनट तक संघर्ष जरूर चला होगा। लेकिन रेंज कार्यालय में मौजूद वन कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। काफी देर बाद गश्त के लिए निकले वन कर्मियों को बाघ के शव पड़े होने की सूचना मिली।
डीएफओ ने पहले सेही से संघर्ष की बात कही। इसके बाद दूसरे दिन बाघों के बीच संघर्ष में जान गंवाने की बात कही। लेकिन दोनों बयान वन्यजीव प्रेमियों के साथ अन्य लोगों में गले से नहीं उतर रहा है। इसी तरह लगभग एक वर्ष पूर्व गिरिजापुरी बैराज में एक बाघ का शव बरामद हुआ। उसे पानी में डूबकर मौत की बात कहकर इति श्री कर ली।
कतरनिया घाट में दो तेंदुओं की मौत हो चुकी
बहराइच वन प्रभाग और कतरनिया घाट में दो तेंदुओं की मौत हो चुकी है। आठ माह में दो बाघ और दो तेंदुओं की मौत से जंगल के साथ वन्य जीवों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। वन्य जीवों की मौत के मामले में वन विभाग मुकदमा तो दर्ज करा देता है, लेकिन कार्यवाई करने की जहमत नहीं उठा पाता है। वहीं वन विभाग की माने तो रेंज कार्यालय के निकट कैमरा भी नहीं लगा है।
आठ माह में बाघ और तेंदुओं की मौत एक नजर में
9 अक्टूबर 2021 को गिरिजा पुरी बैराज में मृत बाघ का शव मिला
24 मई को रेंज कार्यालय के निकट बाघ का शव मिला
अप्रैल माह में सुजौली रेंज में कठौतिया गांव में तेंदुए की पीटकर हत्या
मई में एक हफ्ते पूर्व नानपारा रेंज में तेंदुए की मौत
बाघ पानी का है तैराक
नौ अक्टूबर को बाघ का शव सरयू नहर में मिला था। वन विभाग ने पानी में डूबकर मौत की बात कहकर मामले को खत्म कर दिया। जबकि बाघ पानी का सबसे बड़ा तैराक माना जाता है। ऐसे में बाघ के पानी में डूबने का मामला भी लोगों के गले नहीं उतरता है।
बाघों की लड़ाई के मिले पदचिन्ह
प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन ने बताया कि जहां पर बाघों का संघर्ष हुआ है। वहां पर दूसरे बाघ के पदचिन्ह मिले हैं। उन्होंने कहा कि बाघ दूसरे क्षेत्र से वहां पहुंच गया होगा शायद। डीएफओ ने कहा कि रेंज कार्यालय के पास कैमरे नहीं लगे हैं। उन्होंने कहा कि बाघ क्षेत्र मझरा के पास बैरियर भी लगा दिया गया है।
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